दमोह, आशीष कुमार जैन। नगरीय निकाय चुनाव में दमोह से निकलकर पूरे प्रदेश की सुर्खियों में रहे दमोह नगर पालिका में जनता ने खंडित जनादेश दिया है और इस जनादेश मे कांगेस भाजपा से आगे निकल गई है। बावजूद इसके नगर पालिका में अध्यक्ष बनाने के लिए दोनों दलों को मशक्कत करनी पड़ेगी। इन हालातों को जन्म देने में कुछ दिनों पहले ही अपने स्वरूप में आया दल टीएसएम है। जिसने सियासी दलों के समीकरण बिगाड़ दिए है।
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कुल 39 वार्डो वाली दमोह नगर पालिका में आये अंतिम परिणामो में 17 कांगेस, 14 बीजेपी, 5 टीएसएम, 1 बीएसपी और 2 निर्दलीय उम्मीदवार जीतकर आये हैं। साफ है कि दोनों दलों के पास स्पष्ट बहुमत नही है। एक तरफ जहां कांग्रेस को अपना अध्यक्ष बनाने 3 पार्षद चाहिए। तो भाजपा को 6 पार्षदों की जरूरत है। इस जनादेश ने दोनों बड़ी पार्टियों की नींद उड़ा दी है। दमोह नगर पालिका सीट पर अध्यक्ष बनाने की कवायदें शुरू हो गई है। तो बड़े पैमाने पर हॉर्स ट्रेडिंग की संभावना से इनकार नही किया जा सकता। मौज़ूदा परिणाम बताते हैं कि समीकरण बिगाड़ने का काम टीएसएम ने किया। टीएसएम यानी टीम सिद्धार्थ मलैया जहां चुनाव प्रचार में पूर्ण बहुमत में आने का दम भर रही थी, तो सिमट कर पांच सीटो पर रह गई।