सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए परेशान होने वाले गरीब मरीजों को मुफ्त में मिलने वाली दवाओं के लिये भी जद्दोजहद करना पड़ती है लेकिन हकीकत ये है कि सरकार द्वारा अस्पतालों में पहुंचाई जा रही दवाइयां सड़क पर और खेतों में फेंकी जा रहीं है जो किसी के लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं।
दमोह से ऐसा ही मामला सामने आया है जहां पटेरा ब्लॉक के तहत आने वाले जमुनिया गाँव के एक खेत में और सड़क किनारे सरकारी दवाएं पड़ी मिली हैं। गाँव के लोगों ने जब खुले में यहां वहां बिखरी दवाएं देखी तो हैरान रह गए,जानवर इन्हें खा रहे थे लोगों ने जानवरों को भगाया और इसकी सूचना हटा के स्वाथ्य विभाग को दी।
खुले में पड़ी थी सरकारी दवाई, जानवरों ने खाई
ग्रामीण मोहन ने बताया कि अस्पताल वाले यहाँ खेतों में सड़क किनारे दवाएं फेंक जाते हैं जिसे गाय आदि जानवर खाते हैं, उन्होंने कहा पास में ही बच्चों का स्कूल है बच्चे भी यहीं से निकलते हैं तो ये दवाएं किसी को भी नुकसान पहुंचा सकती हैं उन्होंने इस पर नाराजी जताई है।
सूचना पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दवाएं हटाई
उधर सूचना मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग टीम ने मौके पर पहुंच कर बिखरी पड़ी दवाइयों को सुरक्षित किया है। हटा के ब्लाक मेडिकल आफीसर के मुताबिक दवाओं को देखा गया जिसमें अधिकांश एक्सपायर दवाएं है जबकि कुछ सही है उन्होंने कहा कि इन जब्त दवाओं को नियमानुसार नष्ट किया जाएगा।
BMO ने दिया जाँच का भरोसा
सीएमओ डॉ उमाशंकर पटेल ने बताया कि जहां से दवाएं बरामद की गई वो पटेरा क्षेत्र है अब ये दवाएं खेतों में सड़क किनारे कैसे पहुंची इसकी जांच की जाएगी। किस कर्मचारी ने ये काम किया है उसके खिलाफ एक्शन लिया जायेगा, उन्होंने इस तरह से दवाओं को खुले में फेंकने को नियम विरुद्ध बताया।

दमोह से दिनेश अग्रवाल की रिपोर्ट





