Lokayukta Police Action : सागर लोकायुक्त पुलिस ने फिर एक रिश्वतखोर शासकीय कर्मचारी को रंगे हाथों गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। आरोपी ग्रामीण यांत्रिकी विभाग में क्लर्क (सहायक ग्रेड 3) है, वो फरियादी से 10,000/- रुपये की रिश्वत ले रहा था तभी पकड़ लिया गया।
सागर लोकायुक्त एसपी योगेश्वर शर्मा ने बताया कि दमोह की मुकेश नायक कालोनी में रहने वाले प्रमोद तिवारी ने एक शिकायती आवेदन कार्यालय में दिया था जिसमें ग्रामीण इंजीनियरिंग विभाग में पदस्थ क्लर्क पर रिश्वत मांगने के आरोप थे। आवेदन में कहा गया कि आरईएस में पदस्थ सहायक ग्रेड 3 अंकित सैनी 10,000/- रुपये की रिश्वत की मांग कर रहा है।
क्यों मांगी थी रिश्वत?
आवेदक प्रमोद तिवारी ने कहा कि उसने आरईएस में स्टॉप डेम का निर्माण किया था जिसका 24 लाख रुपये का बिल क्लर्क अंकित सैनी को बनाना था लेकिन वो बिल बनाने में आनाकानी कर रहा था और बदले में एक परसेंट के हिसाब से 24,000/- रुपये रिश्वत मांग रहा था। शिकायत के बाद लोकायुक्त पुलिस ने इसकी पुष्टि कराई और फिर ट्रेप की प्लानिंग की।
कैसे पकड़ में आया रिश्वतखोर क्लर्क?
एसपी के निर्देश पर ट्रेप दल गठित किया गया जिसका नेतृत्व इंस्पेक्टर रोशन सिंह ने किया, टीम में डीएसपी मंजू सिंह सहित अन्य स्टाफ शामिल था, आज गुरुवार 14 दिसंबर को तय समय पर क्लर्क अंकित सैनी ने आवेदक प्रमोद तिवारी को रिश्वत की राशि के साथ ऑफिस बुलाया, जैसे ही प्रमोद तिवारी ने अंकित सैनी को रिश्वत की राशि की पहली क़िस्त 10,000/- रुपये दिए, लोकायुक्त पुलिस ने उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी क्लर्क अंकित सैनी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है ।
दमोह से दिनेश अग्रवाल की रिपोर्ट