20,000 रुपये की रिश्वत ले रहा था पटवारी, लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथ दबोचा

आवेदिका रामसखी पटेल ने शिकायत में बताया था उसके पैतृक मकान के जाने का रास्ता खुलवाने के बदले पटवारी गीतेश दुबे द्वारा 30000 रुपये की रिश्वत की मांग की गई है।

Atul Saxena
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Lokayukta Action : घूसखोरों के खिलाफ लगातार जारी एक्शन के बाद भी रिश्वतखोरी बंद नहीं हो रही, सरकारी मुलाजिमों को ना पुलिस का भय है और ना ही अपनी नौकरी पर संकट का, आज एक बार फिर एक भ्रष्ट कर्मचारी लोकायुक्त पुलिस के शिकंजे में रिश्वत लेते रंगे हाथ आया है,  लोकायुक्त पुलिस ने उसे पकड़ कर उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण धिनियम की धाराओं में मामला दर्ज किया है

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश के बाद लोकायुक्त पुलिस महानिदेशक जयदीप प्रसाद ने अपने विभाग को एक्स्ट्रा एक्टिव मोड पर तैयार रहने का आदेश दिया है जिसका परिणाम ये है कि पूरे प्रदेश में रोज कहीं ना कहीं कोई घुसखोर सरकारी मुलाजिम रंगे हाथ पकड़ा जा रहा है।

पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त सागर संभाग योगेश्वर शर्मा से मिली जानकारी के मुताबिक दमोह जिले की अभाना तहसील के हल्का पटवारी गीतेश दुबे को टीम ने रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया है, इसके खिलाफ अभाना तहसील की रामसखी पटेल ने शिकायत की थी।

पैतृक मकान का रास्ता खुलवाने पटवारी ने मांगी 30 000 रुपये रिश्वत 

आवेदिका रामसखी पटेल ने शिकायत में बताया था उसके पैतृक मकान के जाने का रास्ता खुलवाने के बदले पटवारी गीतेश दुबे द्वारा 30000 रुपये की रिश्वत की मांग की गई है। शिकायत का सत्यापन करने पर शिकायत सही पाई गई, जिसक एबाद एक ट्रैप प्लान किया गया।

लोकायुक्त टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा 

पटवारी गीतेश दुबे द्वारा तय समय पर आज रामसखी पटेल 20 हजार रुपये की रिश्वत लेकर ग्राम पंचायत भवन, ग्राम पंचायत अभाना तहसील दमोह जिला दमोह पहुंची और उन्होंने जैसे ही पटवारी को ये राशि दी बाहर डीएसपी मंजू सिंह के नेतृत्व में पहले से ही तैयार लोकायुक्त पुलिस सागर की टीम ने उसे दबोच लिया।

20,000 रुपये की रिश्वत ले रहा था पटवारी, लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथ दबोचा


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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