जान है तो जहान है! दमोह में ग्रामीणों ने खुद लगाया कोरोना कर्फ्यू

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दमोह, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना (Covid-19) से मचे कोहराम के बीच सिर्फ दमोह (Damoh) को छोड़कर समूचे प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) लगाने के बाद जहां प्रशासन उपचुनाव में व्यस्त हैं तो वहीं हटा ब्लॉक के गांव से उसके लिए एक अहम सीख भी मिली है। दमोह जिले के स्थानीय लोगों ने खुद ही कोरोना कर्फ्यू लगाकर प्रशासन को करारा जवाब दिया है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच जिले की ग्राम पंचायत हिनोताकलां के ग्रामीणों की यह जागरुकता तारीफ के काबिल है। ग्रामीणों ने यहां स्वेच्छा से कोरोना कर्फ्यू भी लगाया और गाइड लाइन का पालन भी किया। चुनाव की आड़ में जिले के लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे प्रशासन और सरकार को ग्रामीणों का ये स्वेच्छा से लगाया गया कोरोना कर्फ्यू सरकार को नई सीख देता है कि चुनाव ही सबकुछ नहीं है।

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दमोह को छोड़कर प्रदेश भर में प्रशासन और सरकार ने करोना कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया है। दमोह में उपचुनाव को लेकर जिला कलेक्टर ने किसी भी तरह के कोरोना कर्फ्यू का एलान नहीं किया। लेकिन जिले के हटा ब्लॉक के हिनोताकलां गांव में ग्रामीणों ने जागरूकता दिखाते हुए खुद और दूसरों की रक्षा के लिए दो दिन के कोरोना कर्फ्यू का ना सिर्फ एलान किया बल्कि इसका पालन भी किया। ग्रामीणों ने स्वेच्छा से शनिवार रविवार दो दिनों तक कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए बाजार को बंद कर खुद को घरों में लॉक कर लिया है।

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लोगों के मुताबिक पन्ना मार्ग पर स्थित ग्राम पंचायत हिनोताकलां में करीब 25 मरीज कोरोना से संक्रमित है। जो जिला अस्पताल में इलाज करा रहे हैं, लेकिन प्रशासन के आंकड़ो में महज दो ही मरीज बताए जा रहे हैं। हिनोता में कुछ मरीजों की मौत भी हो गई है बावजूद इसके प्रशासन लोगों की जान से खिलवाड़ करने में लगा हुआ है। बता दें कि लगातार बढ़ते संक्रमण की वजह से स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है। बंद का समर्थन करते हुए लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। यह कोरोना कर्फ्यू सोमवार तक के लिए लगाया गया है।


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Prashant Chourdia

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