देवास, अमिताभ शुक्ला। निजी स्कूलों (private schools) की मनमानी इस कदर बढ़ गई है कि अब फीस ना देने पर बच्चों को ऑनलाइन क्लास (Online Class ) से बाहर कर दिया जा रहा है। साथी कहीं और सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने के लिए स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट भी नहीं दिया जा रहा है और ना ही उनकी अंकसूची। मामला देवास (dewas) का है जहां समय पर फीस ना दे पाने पर दो बच्चों को ऑनलाइन क्लास से बाहर कर दिया गया और अंकसूची और टीसी भी रोक दी गई। जिसके बाद दिव्यांग अभिभावक और अभिभावक जन कल्याण संघ मध्य प्रदेश ने जिला शिक्षा विभाग पहुंचकर अधिकारी कार्यालय पर चूड़ियां लटकाई।
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अभिभाषक संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि लॉकडाउन के बाद कई अभिभावक बच्चों की फीस नहीं भर पाए हैं। इसको लेकर उनको मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। वहीं अंग्रेजी पर स्थानांतरण प्रमाण पत्र भी नहीं दिए जा रहे हैं। जिसको लेकर हम ने पूर्व में शिकायत की थी परंतु अभी तक किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई और आज हम जब समय लेकर मिलने पहुंचे तो जिला शिक्षा अधिकारी एचएल खुशाल यहां नहीं मिले। जिसको लेकर हमने उनके गेट पर आज चूड़ियां लटकाई है।
दिव्यांग अभिवावक शिवकुमार ने बताया कि मेरे दोनों बच्चे निजी स्कूल में पढ़ते हैं। फीस समय पर जमा नहीं करने पर मेरे द्वारा कहां गया था कि कोरोना के कारण आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। थोड़ा समय में फीस जमा कर दी जाएगी। लेकिन पढ़ाई जारी रखें। लेकिन स्कूल प्रशासन कुछ भी सुनने को तैयार नहीं था।