जमीन से कब्जा हटाने पहुंची प्रशासन की टीम की सख्ती, विरोध कर रहे लोगों को किया गिरफ्तार

Diksha Bhanupriy
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Dewas News: देवास जिला प्रशासन लंबे समय से ट्रांसपोर्ट नगर भूमि पर किसानों द्वारा किए गए कब्जे को हटाने की कोशिश में लगा हुआ है। एक बार फिर भारी पुलिस बल के साथ निगम का अमला यहां पहुंचा और विरोध करने वाले महिला पुरुषों को सख्ती से हटाया गया। जेसीबी के आगे बैठकर और लेटकर कार्रवाई का विरोध करने वाली महिलाओं को गिरफ्तार भी किया गया है।

जमीन से कब्जा हटाने के लिए पहुंची टीम के साथ निगम आयुक्त और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। ट्रांसपोर्ट नगर की यह भूमि किसान प्रशासन के हवाले नहीं करना चाहते हैं जिसे लेकर लंबे समय से विरोध देखा जा रहा है। किसानों का यह भी कहना है कि गाइडलाइन के मुताबिक हमें मुआवजा दिया जाना चाहिए बिना मुआवजे के हम भूमि का कब्जा नहीं छोड़ेंगे।

ट्रांसपोर्ट नगर योजना 2008 में बनाई गई थी। इस योजना के तहत 11 हेक्टेयर पर पारित किए गए प्रस्ताव के तहत 22 किसानों की भूमि अधिग्रहण की जानी थी। किसानों को पैसा देने की बात भी सामने आई थी लेकिन यह कोर्ट चले गए और फैसला प्रशासन के पक्ष में आया। फैसला आ जाने के बाद प्राधिकरण की ओर से यहां काम शुरू करने की कोशिश की गई लेकिन जैसे ही अमला यहां पर पहुंचता था किसान विरोध में उतर जाते थे। विरोध करने वाले किसानों का कहना है कि 1 बीघा के हिसाब से हमें 4 लाख दिए जा रहे हैं जबकि इस भूमि की वर्तमान में कीमत 4 करोड़ है।

किसानों के विरोध प्रदर्शन से लंबे समय से परेशान चल रहे जिला प्रशासन ने आज सख्ती दिखाई और विरोध कर रहे लोगों को मौके से हटा दिया। यहां पर कांग्रेस नेता प्रदीप चौधरी भी किसानों का समर्थन करने के लिए पहुंचे लेकिन प्रशासन द्वारा उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया और उनके साथ अन्य महिला पुरुषों को भी जेल भेजा गया है।

इस मामले में सीएसपी विवेक सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि शासकीय कार्य में बाधा डालने वाले 30 महिला पुरुषों को दंडात्मक कार्रवाई करते हुए राजोदा जेल भेजा गया है। हालांकि, कुछ देर बाद नेता प्रदीप चौधरी को छोड़ दिया गया था। जिस भूमि को लेकर किसान लंबे समय से विरोध में उतरे हुए हैं इसका भूअर्जन 10 साल पहले ही किया जा चुका है। यह भूमि देवास विकास प्राधिकरण के नाम से राजस्व विभाग में दर्ज भी है। न्यायालय द्वारा भी प्राधिकरण के पक्ष में फैसला सुनाया जा चुका है। कई बार समझाइश दी जा चुकी है लेकिन भूमि स्वामी मानने को तैयार नहीं हैं। जिसके चलते ये कार्रवाई की गई है।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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