Sat, Dec 27, 2025

कांग्रेस प्रत्याशी उमंग सिंघार को हाई कोर्ट से बड़ी राहत, गिरफ़्तारी पर लगाई रोक, प्रचार वाहन से शराब मिलने पर हुई है एफआईआर

Written by:Atul Saxena
Published:
कांग्रेस प्रत्याशी उमंग सिंघार को हाई कोर्ट से बड़ी राहत, गिरफ़्तारी पर लगाई रोक, प्रचार वाहन से शराब मिलने पर हुई है एफआईआर

Dhar News : कांग्रेस के कद्दावर नेता एवं धार जिले की गंधवानी सीट से प्रत्याशी उमंग सिंघार की गिरफ़्तारी पर जबलपुर हाई कोर्ट ने फ़िलहाल रोक लगा दी है,  उमंग सिंघार के प्रचार वाहन से अवैध शराब मिलने पर पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था, कोर्ट के आदेश के बाद अब उमंग सिंघार लगातार चुनाव प्रचार कर सकते हैं और पुलिस उन्हें अरेस्ट नहीं कर सकती।

उमंग सिंघार के प्रचार वाहन से बुधवार को मिली थी 26 पेटी अवैध शराब 

पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार गंधवानी से चुनाव मैदान में हैं, बीती रात धार जिले की गंधवानी के अवलदा से एफएसटी टीम ने उमंग सिंघार के प्रचार वाहन से 26 पेटी अवैध शराब बरामद की थी जिस पर पुलिस ने कांग्रेस प्रत्याशी उमंग सिंघार सहित तीन लोगों पर आबकारी एक्ट की धारा 34/2 के तहत प्रकरण दर्ज किया था। पुलिस में मामला दर्ज होने के बाद उमंग सिंघार ने मप्र हाई कोर्ट की जबलपुर बेंच की शरण ली , कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए उमंग सिंघार की गिरफ़्तारी पर रोक लगाते हुए इस मामले की पूरी प्रोसिडिंग एवं अनुसंधान पर स्टे कर दिया है।

हाई कोर्ट ने गिरफ़्तारी पर लगाई रोक, अगली सुनवाई 21 दिसंबर को 

कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए 21 दिसंबर तारीख तय की है तब तक पुलिस उमंग सिंघार को अवैध शराब परिवहन से जुड़े इस मामले में गिरफ्तार नहीं कर सकती यानि कांग्रेस प्रत्याशी उमंग सिंघार अपनी विधानसभा में बिना रूकावट प्रचार प्रसार कर सकते हैं,  इस आदेश के आने से फिलहाल उमंग सिंघार की मुश्किल न सिर्फ कम हुई है बल्कि आसान भी हुई है।

उमंग सिंघार के वकील जयश गुरनानी ने बताया कि कल बुधवार रात्रि में उमंग सिंघार के विरूद्ध एक प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था, जिनमें उनके उपर आबकारी एक्ट के तहत 34/2 का आरोप था और अन्य भी धाराएँ थी। उन पर यह आरोप था कि  उनका वाहन जिसको प्रचार के लिए अनुमति दी गई थी उस पर उनका ड्राइवर अवैध शराब लेकर जा रहा था। उमंग सिंघार ने  मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की जबलपुर खंडपीठ में 482 सीआरपीसी के तहत याचिका दायर की और उन्होंने एफआईआर रद्द करने की मांग की। जिसमें उन्हें अंतरिम राहत न्यायालय द्वारा दी गई है।

धार से मो अल्ताफ़ की रिपोर्ट