वन विभाग के रेंजर ने ली 1 लाख रुपये की रिश्वत, लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथ दबोचा, पहले भी ले चुके हैं घूस

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के स्पष्ट निर्देश हैं कि रिश्वतखोरी बिलकुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी उन्होंने एजेंसियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि शिकायत आते ही उसपर तत्काल एक्शन लें और यदि कोई दोषी है तो उसप कार्रवाई करें।

Lokayukta Police Indore Raid: रिश्वतखोरी पर लगातार सख्त एक्शन के बाद भी मध्य प्रदेश के अफसरों पर घूसखोरी का लालच कम नहीं हो रहा, वे अपनी नौकरी भी दांव पर लगाने से भी खौफ नहीं खा रहे, भ्रष्टाचारी का आलम ये हो गया है कि अब बेहिचक लाखों रुपये की रिश्वत मांगी जा रही है, आज ऐसे भी भ्रष्ट अफसर को लोकायुक्त पुलिस ने 1 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा है

लोकायुक्त कार्यालय इंदौर से मिली जानकारी के मुताबिक धार जिले की मनावर तहसील के जमुनिया मोटा गाँव में रहने वाले जितेंद्र वास्केल ने एक शिकायती आवेदन दिया था जिसमें उन्होंने धार जिले के वन परिक्षेत्र बाग के रेंजर वैभव उपाध्याय पर रिश्वत मांगने के आरोप लगाये थे।

सड़क निर्माण रुकवाया, कम शुरू करने के बदले मांगी रिश्वत 

आवेदक जितेंद्र ने कहा कि उसने बाग रोड से पांडु गुफा तक 3 किलोमीटर रोड के निर्माण का ठेका लिया है। इसमें से लगभग 2 किलोमीटर रोड वन विभाग के क्षेत्र में आती है। इसकी अनुमति भी मैंने वन विभाग से ली है लेकिन रेंजर वैभव उपाध्याय ने काम रुकवा दिया और लागत का 3 परसेंट रिश्वत के रूप में मांगा है।

96,000/- रुपए पहले ले चुके, 2 लाख की और की डिमांड 

जितेंद्र ने आवेदन में लिखा कि अभी कुछ समय पहले ही 96,000/- रुपए भी वे ले चुके हैं और अभी 2 लाख रुपए रिश्वत मांग रहे हैं। आवेदन मिलने के बाद लोकायुक्त कार्यालय ने शिकायत की जाँच की और सत्यापन में रेंजर उपाध्याय  द्वारा 2,00,000/- की मांग किया जाना पाया गया।

1 लाख रुपये की रिश्वत लेते रेंजर को पकड़ा 

शिकायत सही पाये जाने पर लोकायुक्त एसपी राजेश सहाय के निर्देश पर आज 09 अप्रैल 2025 को ट्रेप दल का गठन किया गया। उसके बाद तय स्थान और तय समय पर जैसे ही आवेदक जितेंद्र वास्केल ने रेंजर विभाग उपाध्याय को रिश्वत की राशि  1,00,000/- रुपये दी, लोकायुक्त टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।  रेंजर के विरुद्ध लोकायुक्त पुलिस ने के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा-7 के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध कर जाँच में ले लिया।

वन विभाग के रेंजर ने ली 1 लाख रुपये की रिश्वत, लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथ दबोचा, पहले भी ले चुके हैं घूस


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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