कैलाश विजयवर्गीय ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को बताया “भोलेनाथ”, कहा-जो मांगों वो दे देते हैं

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए कहा, मैं आप सबको यह विश्वास दिलाता हूँ कि आने वाले दो साल के अंदर मध्य प्रदेश का नेशनल हाई-वे रोड नेटवर्क अमेरिका से भी अच्छा बनेगा।

Kailash Vijayvargiya called Nitin Gadkari “Bholenath” : मध्य प्रदेश के धार जिले के बदनावर में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने आये केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को मध्य प्रदेश के कैबिनेट  मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भोलेनाथ बताया है, उन्होंने कहा गडकरी जी से जो मांगो वो मिल जाता है।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज बदनावर में 5800 करोड़ रुपये से अधिक लागत की 328 किलोमीटर लंबी 10 सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, कैबिनेट मंत्री राकेश सिंह, कैलाश विजयवर्गीय सहित अन्य मंत्री और सांसद विधायक भी मौजूद थे।

भोलेनाथ हैं नितिन गडकरी 

कार्यक्रम में मौजूद प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अपने संबोधन ने गडकरी का स्वागत करते हुए कहा “देश के बहुत ही लोकप्रिय नेता, सिर्फ नेता ही नहीं पूरे देश का इंफ्रास्ट्रक्चर बदलने का जिनको श्रेय जाता है, भोलेनाथ हैं ये, जो मांगोगे वो दे देते हैं ऐसे भोलेनाथ नितिन गडकरी जी का जोरदार स्वागत करता हूँ।

अयोध्या में राम मंदिर बनने से चित्रकूट में बढ़े  पर्यटक 

मंत्री कैल्श विजयवर्गीय ने केंद्र सरकार के सहयोग से हो रहे प्रदेश के विकास का उल्लेख करते हुए कहा कि जब से अयोध्या में राम मंदिर बना है तब से चित्रकूट में पर्यटकों की संख्या बढ़ गई है, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव वहां चित्रकूट लोक बना रहे हैं।

…तो हम सब कृतज्ञ होंगे

चित्रकूट लोक की बात करते हुए उन्होंने कहा मैं सतना का भी प्रभारी हूँ मैं चाहता हूँ कि सतना से चित्रकूट तक सड़क बनना चाहिए यदि आप ये सड़क स्वीकृत कर देंगे तो हम सब कृतज्ञ होंगे, इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा, मध्य प्रदेश को यह सौगात देने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के प्रति प्रदेशवासियों की ओर से आभार व्यक्त करता हूँ।

 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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