World Tribal Day 2023 Celebrated In Dhar : धार जिले में बड़े ही धूमधाम से विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया। जिसमें हजारों की संख्या में आदिवासी लोग शामिल हुए। जिन्होंने ढोल ताशे पर नृत्य कर इस दिन को मनाया। इस दौरान लोगों में अलग ही उत्साह देखने को मिला। बता दें कि इस आदिवासी संगठन सामूहिक समारोह का आयोजन करते हैं। साथ ही, आदिवासियों की मौजूदा स्थिति और भविष्य की चुनौतियों को लेकर चर्चा होती है। इसी कड़ी में कई जगहों पर जागरुकता अभियान भी चलाए जाते हैं।
दो गुटों में मनाया गया आदिवासी दिवस
ऐसे में धार जिले में इस दिवस पर दो गुट नजर आए। जिसमें एक तरफ मनावर से कांग्रेस के विधायक एवं जायस के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. हीरालाल अलावा ने आदिवासी दिवस को काले दिवस के रूप में मनाया। जयस के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ हीरालाल अलावा ने कहा पिछले 3 महीने से मणिपुर जल रहा है मध्य प्रदेश में आदिवासी मां बहनों पर बलात्कार जैसी घटनाएं हो रही है। आज हम इसी के विरोध में आदिवासी दिवस को काले दिवस के रूप में मना रहे है जयश के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि राहुल गांधी ने आज संसद में आदिवासियों के हित के लिए सवाल उठाएं मैं राहुल गांधी को बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं। जो आदिवासियों के हितों की लड़ाई के लिए आवाज संसद मे उठाई है। देश के मणिपुर व प्रदेश में आदिवासी माँ-बहनों पर अत्याचार हुए है आदिवासी माँ-बहनों पर बलात्कार जैसे अत्याचार के विरोध में आज आदिवासी दिवस काली पट्टी बांधकर काले कपड़े पहन कर मनाया गया है।
धूमधाम से मनाया दिवस
वहीं, दूसरी तरफ टीआरएस जयस के नेता लाल सिंह बर्मन ने विश्व आदिवासी दिवस को बड़ी धूमधाम से मनाया। इस दौरान दोनों नेताओं ने एक दूसरे पर कटाक्ष शब्दों के प्रयोग किए। दोनों जयस के नेता जनता को असली और नकली जयस बताने में लगे हुए हैं।
यूनाइटेड नेशन ने किया था ये ऐलान
आदिवासी समुदायें दुनिया भर में विभिन्न भू-भागों में वास करती हैं। उनकी विशेष भाषाएं, संस्कृति, त्योहार, रीति-रिवाज और पहनावा उन्हें अनूठा बनाते हैं। दरअसल, आदिवासी समुदायों की संख्या में कमी के आई है। जनसंख्या वृद्धि, आर्थिक और सामाजिक स्थितियों में बदलाव इसके मुख्य कारण हो सकते हैं। इस दिन समूह और संगठनों द्वारा प्रोग्राम आयोजित किए जाते हैं। इस दौरान आदिवासी समुदायों को उनके संस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखने का संकल्प दिलाया जाता है। बता दें कि यूनाइटेड नेशन ने साल 1994 में आधिकारिक रूप से आदिवासी दिवस 9 अगस्त को मनाने का ऐलान किया।
भारत में आदिवासी लोगों की बड़ी तादाद
भारत में आदिवासी समुदायें विभिन्न राज्यों में बसती हैं। उनकी संख्या बहुत विविध होती है और वे विभिन्न जनजातियों के रूप में विभाजित होते हैं। जिनमें वनवासी, गिरिजन, लम्बाड़ा, गोंड, संथाल, मुंडा, ओरा, नागा, कोंकणी, आदि शामिल हैं। आदिवासी समुदाय मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश समेत उत्तर प्रदेश में निवास करते हैं। बता दें कि गोंड एशिया का सबसे बड़ा आदिवासी ग्रुप है, जिनकी संख्या 30 लाख से अधिक है।
- मध्य प्रदेश में 46 आदिवासी जनजातियाँ निवास करती हैं। यहाँ के आदिवासी समुदायें अपनी सांस्कृतिक धरोहर, परंपराएं और जीवन शैली को अपनाती है, जो उन्हें अनूठा बनाती है।
- झारखंड में आदिवासी समुदायों की आबादी करीब 28% है। यहां की आदिवासी समुदाय की संस्कृति, परंपराएँ और जीवन शैली अपने आप में महत्वपूर्ण हैं।
- छत्तीसगढ़ भी एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर से भरपूर राज्य है, जिसमें आदिवासी समुदायों की आबादी भी बहुत अधिक है।
धार से मो. अल्ताफ़ की रिपोर्ट