दिग्विजय ने पीएम मोदी और सीएम शिवराज को बताया झूठा, कमलनाथ सरकार गिराए जाने पर मांगा जवाब

Gaurav Sharma
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। देश में कृषि बिल को लेकर किसानों का आंदोलन बढ़ता ही जा रहा है। जिसे लेकर आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने मध्यप्रदेश के किसानों को संबोधित किया। जिसके बाद पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह (Former CM Digvijay Singh) ने प्रदेश के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री पर हमला बोलते हुए बड़ा बयान दिया है। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कर्ज माफी को लेकर कहा कि ‘जितने बड़े झूठे पीएम नरेंद्र मोदी हैं, उतने ही बड़े झूठे शिवराज सिंह है।’ साथ ही प्रदेश में मंहगाई और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर कहा कि ऐसी परिस्थिति में स्वास्थ्य मंत्री (Health Minister) को इस्तीफा दे देना चाहिए।

केंद्र और राज्य सरकार पर साधा निशाना

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कर्जमाफी पर बयान दिया था। वहीं कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya statement) द्वारा कमलनाथ सरकार को गिराने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हाथ है वाले बयान को लेकर कहा है इसका जवाब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को देना चाहिए। क्योंकि लॉकडाउन लगाने में देरी की, सरकार क्यों गिराई और इसका पैसा कहां से आया और कितना बजट था? इस दौरान मीडिया द्वारा पूछा गया कि कैलाश विजयवर्गीय के बयान को लेकर क्या कांग्रेस कोर्ट जाएगी? तो इसके जवाब में दिग्विजय सिंह ने कहा कि इसका जवाब पूर्व सीएम कमलनाथ देंगे।

कांग्रेस 19 दिसंबर को करेगी आंदोलन

देश के साथ-साथ प्रदेश में भी पेट्रोल-डीजल (Petrol and diesel price) और रसोई गैस के दामों (Cooking gas price) में बढ़ोतरी हो रही है। जिसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Former CM Digvijay Singh) ने कहा कि 19 दिसंबर को मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा कि लगातार मोदी सरकार में सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी (Central excise duty) बढ़ रही है। इस दौरान दिग्विजय सिंह ने कहा कि ‘मेरा उपभोक्ताओं से निवेदन है कि वह भी हमारे आंदोलन का समर्थन करते हुए प्रदर्शन में भाग लें।’

केंद्र और राज्य सरकार पर लगाए ये आरोप

उन्होंने कहा कि जिस तरह से कच्चे तेल के दाम है, उसके अनुसार पेट्रोल-डीजल के दामों में भी 25 से 30 फीसदी तक कमी आनी चाहिए। वहीं दिग्विजय सिंह ने केंद्र और राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन्होंने उपभोक्ताओं की जेब खाली कर अपना खजाना भर लिया है। क्योंकि देश में एक्साइज ड्यूटी (Central excise duty) लगातार बढ़ रही है।

करोड़ों की संपत्तियों को लीज पर लेने का विरोध

दिग्विजय सिंह ने बताया कि जब कमलनाथ की सरकार थी, तब उन्होंने सभी किसानों के बिजली बिल को आधा कर दिया था। वहीं उपभोक्ताओं में मध्यम वर्गीय परिवार के बिल भी 150 से 250 ही आ रहे थे। लेकिन अब बीजेपी सरकार में ये बिल हजारों रुपए में आ रहे है। उन्होंने कहा कि उपचुनाव के दौरान बीजेपी ने कहा था कि हम वसूली नहीं करेंगे, लेकिन ये वसूली फिर से चालू हो गई है।

करोड़ों की संपत्तियां एक रुपए प्रति वर्ष की लीज पर 

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा कि राज्य सरकारों को केंद्र सरकार ने कहा है कि, निजी कंपनियों को विद्युत मंडल की संपत्तियां एक रुपए प्रति वर्ष की लीज पर दे दो। इसका मतलब यही हुआ कि लाखों करोड़ों की संपत्तियों को केवल एक रुपए की लीज पर चढ़ाया जा रहा है।

लीज पर विद्युत कर्मचारियों को ले लेनी चाहिए संपत्तियां

उन्होंने कहा कि इससे तो अच्छा होगा कि ये संपत्तियां सहकारी समिति बनाकर विद्युत कर्मचारियों को एक रुपए की लीज पर खुद ही ले लेनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि मेरा सुझाव है कि ये संपित्तिया अगर देना है, तो इसे विद्युत विभाग के रिटायर्ड कर्मचारियों-अधिकारियों और मौजूदा कर्मचारियों की सहकारी समितियों को देना चाहिए। क्योंकि इनसे अच्छी व्यवस्था आखिर कौन कर सकता है।

दिग्विजय सिंह ने स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर कही ये बातें

वहीं हाल ही में शहडोल जिला अस्पताल में बच्चों की मौत और हमीदिया अस्पताल में लगातार बिजली बंद होने के मामले को दिग्विजय सिंह ने दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताई है। उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद तो स्वास्थ्य मंत्री को खुद से इस्तीफा दे देना चाहिए। हमीदिया अस्पताल में रखा जनरेटर डीजल नहीं होने के कारण पिछले 15 दिनों से ऑपरेट नहीं किया जा रहा था। जिसके लिए पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री को जिम्मेदार ठहराया है।

शहडोल की घटना पर बोले दिग्विजय सिंह 

वहीं शहडोल जिले में भी हालात बद से बदतर है, जहां लगातार बच्चों के मौत का दौर चल रहा है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि ‘ये घटना पहली बार नहीं हुआ है, इससे पहले भी जब शहडोल में मंत्री हर्ष सिंह थे, तो उन्हें डॉक्टर ने हार्ट अटैक बता दिया था, जबकि उन्हें एक स्ट्रोक आया था।’


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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