पेयजल समस्या को लेकर जिला पंचायत कार्यालय का घेराव, मंत्री पर लगाए गंभीर आरोप

Atul Saxena
Published on -

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। पीने के पानी की समस्या से आक्रोशित महिलाओं ने जिला पंचायत कार्यालय का घेराव किया। महिलाओं ने कहा गांव में हमारे साथ भेदभाव हो रहा है।  आधे गांव में पानी है और आधे में नहीं है। हम लोग दो साल से परेशान हैं।  कलेक्टर से लेकर मंत्री तक सबसे शिकायत की लेकिन पानी की समस्या दूर नहीं हुई।  महिलाओं ने कहा कि जब तक हमारी समस्या का निराकरण नहीं होता हम जिला पंचायत कार्यालय से नहीं हटेंगे।

ग्वालियर जिला पंचायत सदस्य शत्रुघ्न सिंह उर्फ़ पप्पन यादव के नेतृत्व में ग्राम तालपुरा के जाटव मोहल्ले और आदिवासी मोहल्ले की महिलाओं ने जिला पंचायत कार्यालय का घेराव किया।  पप्पन यादव ने कहा कि इन दो मोहल्ले के डेढ़ दो सौ परिवार करीब दो साल से पीने के पानी के लिए परेशान हैं।  बहुत दूर से पानी लाते हैं या गंदा पानी पीने के लिए मजबूर हैं।

ये भी पढ़ें – Indore news: तड़के हुई बारिश से जलमग्न हुआ शहर, निगम की व्यवस्था की खुली पोल, मौसम विभाग का ये है अनुमान

पप्पन यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि इन लोगों के साथ भेदभाव किया जा रहा है।  गांव के कुशवाह मोहल्ले में भरपूर पानी है क्योंकि राज्यमंत्री भारत सिंह कुशवाह ने वहां ये व्यवस्था कराई है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में PHE के जो EE हैं वो या तो विधायक की सुनते हैं या मंत्री की। जनता से उन्हें कोई लेना देना नहीं है।

ये भी पढ़ें – मप्र कांग्रेस ने इन जिलों में किए नए प्रभारी नियुक्त, अजय सिंह की नाराजगी के बाद चौधरी को हटाया

पप्पन यादव के साथ मौजूद ग्रामीण बिंदेश्वरी जाटव ने कहा कि बताया कि साडा के कारण नल जल योजना बाद पड़ी हैं ग्रामीण भटक रहा है लेकिन ना तो स्थानीय जन प्रतिनिधियों को चिंता है ना सरकार को।  इसलिए अब जब तक हमारी समस्या का निपटारा नहीं हो जाता तब तक यहाँ से नहीं उठेंगे।

पेयजल समस्या को लेकर जिला पंचायत कार्यालय का घेराव, मंत्री पर लगाए गंभीर आरोप

ये भी पढ़े – Pegasus : राहुल गांधी बोले ये देशद्रोह, गृह मंत्री से मांगा इस्तीफा


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News