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Sun, Dec 21, 2025

Dussehra 2021 : MP के इस गांव में रावण को मानते हैं दामाद, महिलाएं घूंघट में करती हैं पूजा

Written by:Lalita Ahirwar
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Dussehra 2021 : MP के इस गांव में रावण को मानते हैं दामाद, महिलाएं घूंघट में करती हैं पूजा

मंदसौर, डेस्क रिपोर्ट। शारदीय नवरात्रि के 9 दिन पूरे होने के बाद दसवें दिन विजयादशमी (Vijayadashmi) के रूप में मनाया जाता है, जिसे दशहरा (Dussehra) भी कहते हैं। देशभर में आज यानी 15 अक्टूबर को बड़े ही धूम-धाम से विजयादशमी का पर्व मनाया जाएगा और पूरे हर्ष-उल्लास के साथ बुराई के प्रतीक रावण (Ravan) के पुतले का दहन किया जाएगा। लेकिन क्या आप जानते हैं जिस रावण को बुराई का प्रतीक माना जाता है उसकी विशेष पूजा भी होती है, और इतना ही नहीं रावण को दामाद स्वरूप मानकर उनसे सुख-समृद्धि के लिये आशीर्वाद भी मांगते हैं। जी हां मध्य प्रेदश (Madhya pradesh) के मंदसौर (Mandsaur district) में रावणग्राम एक ऐसा ही गांव है जहां रावण को दामाद के रूप में पूजा जाता है। इस गांव को रावण का ससुराल मानते हैं और लोग आस्था के साथ उनकी पूजा-अर्चना करते हैं।

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दरअसल मध्य प्रदेश के मंदसौर को लेकर बड़ी मान्यताएं हैं। कहा जाता है कि मंदसौर का प्राचीन नाम मंदोत्तरी (Mandottari) था। रावण की पत्नी मंदोदरी (Mandodari) यहीं कि रहने वाली थीं। रावण अपने राज्य विस्तार के समय यहां आया था, तब मंदसौर के राजा ने मंदोदरी का विवाह मंदोदरी का विवाह रावण से किया था। इसी लिहाज से मंदसौर रावण की ससुराल है। यहां लोग दशहरे पर हाथों में आरती की थाली लिए, ढोल नगाड़े बजाते नाचते-गाते हर साल जुलूस लेकर निकलते हैं। ये लोग दशहरा उत्सव पर भगवान राम की झांकी में रावण का पुतला जलाने नहीं जाते, बल्कि अपने दामाद यानि रावण की पूजा करने निकलते हैं।

यहां मंदसौर में नामदेव समाज की महिलाएं आज भी रावण की प्रतिमा के सामने घूंघट करती हैं। रावण के पैरों पर लच्छा (धागा) बांधती हैं। माना जाता है कि धागा बांधने से बीमारियां दूर होती हैं। यहां दशहरे के दिन रावण की पूजा की जाती है। हर साल दशहरे पर रावण के पूजन का आयोजन मंदसौर के नामदेव समाज द्वारा किया जाता है।

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सुबह होती है पूजा शाम को किया जाता है वध

नामदेव समाज ढोल नगाड़ों के साथ जुलूस के रूप में रावण की प्रतिमा स्थल तक आते हैं। यहां दामाद रूपी रावण की पूजा आराधना कर सुख समृद्धि की कामना की जाती है। इसके बाद शाम को रावण का वध किया जाता है। इसके पीछे मान्यता यह हैं कि अच्छाई होने पर रावण की पूजा की जाती है और बुराई होने पर वध कर दिया जाता है।