MP ई-मंडी योजना : 1 जनवरी से बी श्रेणी की 41 मंडियों में होगी शुरू, किसानों को मोबाइल पर मिलेगी ये सारी डिटेल्स, ऑनलाइन बना सकेंगें प्रवेश पर्ची

ई-मंडी योजना से किसान मंडियों में अपनी उपज के विक्रय के लिये स्वयं अपनी पर्ची बना सकेंगे। मंडी ऐप से किसानों को सुविधा होगी। उन्हें उपज विक्रय के लिये या प्रवेश पर्ची के लिये लाईन में नहीं लगना होगा।

Pooja Khodani
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  1. ई-मंडी योजना एक जनवरी से बी-श्रेणी 41 मंडियों में होगी शुरू
  2. किसान एप से बना सकेंगें विक्रय के लिए प्रवेश पर्ची
  3. नीलामी की कार्यवाही भी मिलेगी मोबाइल पर

MP e Mandi Yojana: मध्य प्रदेश के किसानों के लिए खुशखबरी है।नए साल से ई-मंडी योजना बी-क्लास की 41 मंडियों में शुरू होने जा रही है। मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड (मंडी बोर्ड) जनवरी से अपनी महत्वपूर्ण ई-मंडी योजना का विस्तार कर रहा है।पूर्व से ई-मंडी योजना 42 मंडियों में क्रियाशील है।

इससे किसानों को विक्रय या प्रवेश पर्ची के लिये लाईन में नहीं लगना होगा। मंडी प्रांगण में प्रवेश से लेकर नीलामी, तौल तथा भुगतान तक की कार्यवाही कंप्यूटराइज्ड रहेगी।किसानों को प्रवेश, अनुबंध, तौल तथा भुगतान करने के बाद उनके मोबाइल पर एसएमएस तथा व्हाट्सएप मैसेज प्राप्त होगा।

जनवरी से मिलेगा लाभ, 259 मंडियां ई-मंडी करने का लक्ष्य

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि ई-मंडी योजना एक जनवरी 2025 से प्रदेश की बी-क्लास की 41 मंडियों में विस्तारित की जा रही है।  ई-मंडी योजना से किसान मंडियों में अपनी उपज के विक्रय के लिये स्वयं अपनी पर्ची बना सकेंगे। मंडी ऐप से किसानों को सुविधा होगी। उन्हें उपज विक्रय के लिये या प्रवेश पर्ची के लिये लाईन में नहीं लगना होगा। ई-मंडी योजना के तहत मंडी प्रांगण में प्रवेश से लेकर नीलामी, तौल तथा भुगतान तक की कार्यवाही कंप्यूटराइज्ड रहेगी। मंडियों को हाईटेक बनाया जा रहा है। लक्ष्य रखा गया है कि 01 अप्रैल 2025 से सभी 259 मंडियां ई-मंडी के रूप में कार्य करें।

किसानों को सिर्फ एक एप पर मिलेगी सारी डिटेल्स

  • मंडी ऐप के द्वारा किसान भाइयों के लिये प्रक्रिया को सरल बनाया गया है।
  • किसानों को यह सुविधा उपलब्ध कराई गई है कि वह मंडी आने से पहले मंडी में अपनी प्रवेश पर्ची स्वयं अपने मोबाइल से बना सकते हैं।
  • एक बार प्रवेश पर्ची बन जाने पर बार-बार उन्हें अपना संपूर्ण डाटा मंडी में देने की आवश्यकता नहीं रहेगी।
  • प्रवेश पर्ची बन जाने से किसान सीधे मंडी प्रांगण के नीलामी स्थलों पर जाकर अपनी कृषि उपज की नीलामी करा सकते हैं।
  • नीलामी की कार्यवाही की जानकारी किसानों को मोबाइल पर भी प्राप्त होगी।
  • तुलावटी भाईयों को ई-मंडी योजना का प्रशिक्षण दिया गया है।
  • वे एंड्रॉयड मोबाइल पर की गई तौल का फाइनल वजन दर्ज करेंगे और उन्हें कोई भी जानकारी लिखने की आवश्यकता नहीं रहेगी।
  • व्यापारी साथियों को भी भुगतान पत्रक बनाने की आवश्यकता नहीं रहेगी।
  • ई-मंडी योजना में व्यापारी की आईडी पर रेडीमेड भुगतान पत्रक प्रदर्शित होगा।
  • व्यापारी को उनके द्वारा किसानों को किये जा रहे भुगतान की सिर्फ एंट्री ही करनी होगी।
  • ई-मंडी योजना से किसानों द्वारा मंडी में विक्रय की जा रही कृषि उपज का रिकार्ड संधारण रियल टाइम ऑनलाइन होगा।
  • किसान भाइयों को प्रवेश, अनुबंध, तौल तथा भुगतान करने के बाद उनके मोबाइल पर एसएमएस तथा व्हाट्सएप मैसेज प्राप्त होगा।
  • किसानों को यह जानकारी रहेगी कि उनकी उपज किस व्यापारी द्वारा कितने दाम पर खरीदी गई है।

ई-मंडी योजना में बी-श्रेणी की 41 मंडिया

  1. कृ.उ.म.स. बैरसिया।
  2. कृ.उ.म.स. भैरूंदा।
  3. कृ.उ.म.स. औबेदुल्लागंज
  4. कृ.उ.म.स. रायसेन।
  5. कृ.उ.म.स. सिरोंज।
  6. कृ.उ.म.स. ब्यावरा।
  7. कृ.उ.म.स. पचौर।
  8. कृ.उ.म.स. नरसिंहगढ़।
  9. कृ.उ.म.स. कुरावर।
  10. कृ.उ.म.स. खिरकिया।
  11. कृ.उ.म.स. नर्मदापुरम।
  12. कृ.उ.म.स. सांवेर।
  13. कृ.उ.म.स. महू।
  14. कृ.उ.म.स. मनावर।
  15. कृ.उ.म.स. कुक्षी।
  16. कृ.उ.म.स. धामनोद।
  17. कृ.उ.म.स. सनावद।
  18. कृ.उ.म.स. भीकनगांव।
  19. कृ.उ.म.स. बुरहानपुर।
  20. कृ.उ.म.स. महिदपुर।
  21. कृ.उ.म.स. तराना।
  22. कृ.उ.म.स. पिपल्या।
  23. कृ.उ.म.स. सैलाना।
  24. कृ.उ.म.स. शाजापुर।
  25. कृ.उ.म.स. दतिया।
  26. कृ.उ.म.स. कुम्भराज।
  27. कृ.उ.म.स. मुंगावली।
  28. कृ.उ.म.स. कोलारस।
  29. कृ.उ.म.स. श्योपुरकलां।
  30. कृ.उ.म.स. बीना।
  31. कृ.उ.म.स. खुरई।
  32. कृ.उ.म.स. हरपालपुर।
  33. कृ.उ.म.स. निवाड़ी।
  34. कृ.उ.म.स. शहपुरा “भिटोनी”।
  35. कृ.उ.म.स. सौंसर।
  36. कृ.उ.म.स. गाडरवाड़ा।
  37. कृ.उ.म.स. करेली।
  38. कृ.उ.म.स. नरसिंहपुर।
  39. कृ.उ.म.स. गोटेगांव।
  40. कृ.उ.म.स. सिवनी।
  41. कृ.उ.म.स. नागोद।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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