डेस्क रिपोर्ट। नये साल की शुरुआत के साथ ही मप्र में बिजली उपभोक्ताओं को बिजली विभाग ने जोरदार झटका दिया है और यह झटका नये साल से महंगी बिजली का है। हालांकि राहत की बात है की बढ़ा हुआ यह शुल्क मार्च महीने तक देना होगा, वही एक जनवरी से मध्य प्रदेश में उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 7 पैसे अधिक भुगतान करना होगा। बिजली कंपनियों की याचिका पर मप्र विद्युत नियामक आयोग ने चालू वित्तीय वर्ष के अंतिम तिमाही के लिए एफसीए यानी फ्यूल कास्ट एडजस्टमेंट बढ़ाने का आदेश जारी किया है। एक जनवरी ये 31 मार्च 2022 तक ये दर प्रभावी रहेगा। बिजली कंपनियों ने इससे पहले 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर की तिमाही में 13 पैसे एफसीए बढ़ाया था।
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कोयले और ईंधन की मांग पर जुड़े एफसीए को इस तरह समझा जा सकता है। एफसीए बिजली कंपनी ईंधन या कोयले की अलग-अलग कीमत के आधार पर बिल में लागू होने वाली अतिरिक्त राशि होती है। कोयला या ईंधन की कीमत कोयले की मांग और आपूर्ति के आधार पर हर महीने बदलती है। इससे बिजली उत्पादन की लागत भी बदल जाती है। बिजली उत्पादन कंपनियां इस लागत को वितरण कंपनियों पर लगाती है, जो इसे उपभोक्ताओं पर लगा देती हैं। नियामक आयोग हर तीन महीने में इसकी समीक्षा करता है। आयोग ने 30 दिसंबर को एफसीए चार्ज 7 पैसे प्रति यूनिट वसूलने का आदेश जारी किया है।