ग्वालियर, अतुल सक्सेना। रक्षा मंत्रालय के डिफेंस रिसर्च एन्ड डवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) के अंतर्गत काम करने वाली ग्वालियर स्थित DRDO की लैब डिफेंस रिसर्च एन्ड डवलपमेंट इस्टेब्लिशमेंट (DRDE) को शिफ्ट करने के लिए सरकार द्वारा महाराजपुरा क्षेत्र में आवंटित की गई जमीन पर कब्जे और सीमांकन का पेंच फंस गया है। अब नई दिल्ली से DRDO के अधिकारियों की टीम आकर एक बार फिर निरीक्षण करेगी।
ग्वालियर के सिटी सेंटर क्षेत्र में स्थित रक्षा मंत्रालय के DRDO की लैब DRDE के लिए प्रदेश सरकार ने कुछ समय पूर्व महाराजपुरा एयरबेस के सामने 8 सर्वे नंबरों की 140 एकड़ जमीन आवंटित की है इसके पासकी जमीन पर ही केंद्र सरकार का प्लास्टिक इंस्टीट्यूट तैयार हो रहा है। जो प्लानिंग अब तक हुई है उसके हिसाब से आवंटित जमीन पर लैब ही बनाई जाएगी, सिटी सेंटर स्थित DRDO कैम्पस में आवास और लैब का कुछ हिस्सा रहेगा। जो तय हुआ है उसके हिसाब से DRDO ने जिला प्रशासन को 2023 तक लैब शिफ्टिंग का प्लान बताया है।
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जमीन आवंटित होने के बाद नई दिल्ली से DRDO के वरिष्ठ अधिकारीयों की टीम ग्वालियर आई थी टीम ने आवंटित जमीन का निरीक्षण किया था और लोकेशन को लेकर सहमति जताई थी। लेकिन आसपास के अतिक्रमण पर चिंता भी जताई थी। अधिकारियों के मुताबिक करीब 37-38 अवैध निर्माण हैं जिन्हें हटाया जाना है।
अब जब सीमांकन की बात आई तो सीमांकन के बाद जो नक्शा बना उसमें काफी हिस्सा बहुत संकरा और अवैध निर्माण था जिसपर DRDO के अधिकारीयों ने चिंता और आपत्ति जताई है अब एक बार फिर से दिल्ली से DRDO के अधिकारीयों की टीम वस्तुस्थिति देखने आएगी। जिनके साथ जिला प्रशासन की टीम फिर से सीमांकन करेंगे और जो आपत्तियां आएंगी उसका निराकरण करेंगे।