हो जाए सावधान ! अगर आप भी खुले में कचरा फेंकते है और थूकते है तो लगेगा 1000 का स्पॉट फाइन

Gaurav Sharma
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में नंबर वन आने के लिए इस बार भोपाल ने पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी है। जिसके तहत भोपाल में अब खुले में स्नान करना, कपड़े धोना और बर्तन साफ करना लोगों को भारी पड़ेगा। ऐसा करने वालों के खिलाफ अब भोपाल नगर निगम एक हजार रुपए का स्पॉट फाइन चार्ज करेगा। बता दें कि ये जानकारी नगर निगम कमिश्नर वीएस चौधरी कोलसानी ने की है।

अब ज्यादा लगेगा स्पॉट फाइन

वहीं अब सड़क, गलियों और नालियों में कचरा फेंकना, खुले में पेशाब करना, कहीं पर भी थूकना और खुले में शौच करना भी जुर्म की श्रेणी में आएगा, जिसके लिए लोगों से जुर्माना वसूल किया जाएगा। इसके लिए भी लोगों से 1000 हजार रुपए का स्पॉट फाइन काटा जाएगा। पहले भी स्पॉट फाइन वसूल किया जाता था, जिसे अब बढ़ा कर दोगुना कर दिया है।

भोपाल नगर निगम ने स्वच्छता को लेकर अपनी कमर कस ली है। जिसके लिए अब कचरों का सही निपटारा नहीं करने पर भी फाइन लगेगी। जिसमें गीला कचरा और सूखा कचरा को एक ही डस्टबिन में रहने पर 500 रुपए का जुर्माना लगेगा। वहीं ठोस पैमाने पर एक ही डस्टबिन में कचरा रखने पर कचरा उत्पादक से एक हजार रुपए का फाइन वसूला जाएगा, इसके साथ ही निर्माण और वेस्ट मटेरियल को अलग नहीं करने पर 2000 रुपए, इसे हटाने में होने वाला खर्च भी वसूला जाएगा। इसके अलावा ठोस उत्पादक का कचरा खुले में जलाने पर 1000 रुपए फाइन भरना होगा। वहीं विशेष परिस्थितियों में व्यावसायिक इस्तेमाल के दौरान मछली, पोल्ट्री और अपशिष्ट को पृथक किए बगैर देने पर 1500 रुपए का फाइन लगाया जाएगा।

नंबर वन आने की तैयारी में भोपाल

दरअसल भोपाल नगर निगम स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में नंबर वन आने के लिए तैयारी प्रारंभ कर दी है। जिसके लिए निगर निगम कमिश्नर वीएस चौधरी ने नए स्पॉट फाइन लगाने का आदेश जारी कर दिया है। नए स्पॉट फाइन के कारण अब लोग अपने से जागरुक होंगे और कम से कम खुले में कचरा फेंकेंगे। वहीं सार्वजनिक स्थानों पर समारोह आयोजित करने से पहले अनुमति लेना आवश्यक होगा। साथ ही कार्यक्रम के बाद 4 घंटे में सफाई नहीं करने पर संभावित मात्रा के आधार पर निर्धारित स्वच्छता फीस देने होगी।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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