भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आदिवासी विभाग(tribal department) में हुए वित्तीय अनियमितता के मामले में जल्द ही बड़ी कार्यवाही होगी। विभाग में हुई करोड़ो रुपये की गड़बड़ी और गबन को लेकर कलेक्टर(collector) ने पुलिस अधीक्षक(police superintendent) को पत्र लिखा है। जिसमें संबंधितो के खिलाफ एफआईआर(FIR) दर्ज करने का आदेश दिया है। जिसके बाद जल्द ही दोषियों और भ्रष्टाचारियों(corrupt officers) पर कानून की गाज गिरेगी।
आदिवासी आयुक्त विभाग में हुए करोड़ो रुपये के घपले को लेकर जब जिला कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने जांच कराई तो पता चला कि आदिवासी विभाग द्वारा कराये गये बांऊडवाल निर्माण, नलकूप खनन, पुस्तकालय व अन्य निर्माण कार्यो में करोड़ो रुपये बिना काम करे ही ठेकेदार को करोड़ो रुपये का भुगतान किया गया है। जिसमें धरातल पर काम तो नही मिले परंतु ठेकेदार और अधिकारी खूब मालामाल हुए ।
कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव द्वारा की गई इस कार्यवाही को लेकर विभाग में हड़कंप मच गया है। सूत्रों से यह भी जानकारी सामने आ रही है कि जिन अधिकारियों ने ऐसे न किये गये निर्माण कार्यो का मूल्यांकन किया है वह भी कठघरे मे खड़े कियो जाएंगे। बताया जा रहा है कि आरईएस विभाग के एक उपयंत्री और एसडीओ के ऊपर भी कार्यवाही की तलवार लटक रही है। गौरतलब है कि आदिवासी विभाग में हुए करोड़ो के घोटाले में जांच उपरांत विभाग के आयुक्त आनंदराय सिन्हा से वित्तीय प्रभार छीनते हुए लेखापाल बृजेन्द्र सिंह को निलंबित कर दिया गया था, जिसके बाद कलेक्टर ने निर्माण एजेंसियों व वरिष्ठ अधिकारियों से जांच कराई तो आरोप सिद्ध पाये गये। इसी सिलसिले में कलेक्टर ने पुलिस विभाग को पत्र लिखकर संबंधितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने आदेशित किया है।