Indore Airport : मध्य प्रदेश के आर्थिक राजधानी इंदौर शहर के देवी अहिल्याबाई होलकर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पहली बार ध्वनि प्रदूषण की जांच की जाने वाली है। ध्वनि प्रदूषण की जांच के काम को नॉइस मैपिंग और डिक्लेरेशन वर्क का नाम दिया गया है। इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिए गए हैं।
ऐसे में लगातार ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण रखने के लिए रिपोर्ट तैयार की जाएगी। उसे रिपोर्ट में यह होगा की कब ध्वनि प्रदूषण ज्यादा है और कब काम उसे रिपोर्ट के आधार पर ही भविष्य में फ्लाइट्स की संख्या बढ़ाने और लाने के लिए तैयारी की जाएगी। इसके लिए मुख्यालय स्थान पर कार्य योजना बनाई जाएगी। साथ ही फ्लाइट के समय में भी फेर बदल किया जा सकता है।
जारी किए गए टेंडर
जानकारी के मुताबिक, ध्वनि प्रदूषण की जांच करने का मकसद ये है कि एयरपोर्ट से जितनी भी फ्लाइट संचालित हो रही है उससे कितना प्रदुषण हो रहा है और कितना नहीं। क्योंकि विमानों को उडऩे और उतरने के समय काफी ज्यादा आवाज होती है। इस पर नियंत्रित करने के लिए एक्सपर्ट कंपनी को बुलाया गया है। आपको बता दें, एयरपोर्ट अथोरिटी ऑफ इंडिया के अंतर्गत ये सर्वे इंदौर एयरपोर्ट पर होने जा रहा है।
दरअसल, आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को शोर की वजह से काफी ज्यादा परेशानियां होती है। उनके सुनने की क्षमता प्रभावित हो सकती है इस वजह से इसे नियंत्रित करना बेहद जरुरी है। जानकारी के मुताबिक, 4 जनवरी के दिन टेंडर खोले जाएंगे। टेंडर खुलने के बाद कंपनी को तीन महीने के अंदर काम शुरू करना पड़ेगा। ये सर्वे 2 महीने तक चलेगा। सर्वे की रिपोर्ट बनाने के बाद एयरपोर्ट प्रबंधन एयरपोर्ट अथोरिटी ऑफ इंडिया और डीजीसीए को कंपनी द्वारा भेजी जाएगी।