गुना, संदीप दीक्षित। गुना जिले (Guna district) में ग्वाला समाज की पंचायत की जनसुनवाई में एक अजीब मामला सामने आया है। दरअसल यहां एक व्यक्ति पर मंदिर निर्माण के लिए दान में कम जमीन देने का आरोप लगाकर बहिष्कार की सजा सुनाई है। पंचायत ने समाज के दूसरे लोगों से इस परिवार से संबंध रखने को भी मना कर दिया गया। पंचायत के फरमान के अनुसार यदि यह परिवार समाज में वापस लौटना चाहता है तो उसे जूता सिर पर रखना होगा और पगड़ी पैरों में, इसके अलावा गोमूत्र भी पीना होगा, साथ ही पुरुषों को दाढ़ी भी कटवानी होगी।
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जानकारी के अनुसार गुना शहर में रहने वाले बुजुर्ग हीरालाल ने अधिकारियों को बताया कि वह ग्वाल समाज से ताल्लुक रखता है। उनकी समाज ने एक मंदिर निर्माण की योजना बनाई है, जिसके लिए उससे जमीन मांगी गई थी। हीरालाल ने लगभग 1300 वर्गफीट भूमि पर मंदिर निर्माण के लिए दे भी दी है, जिसपर मंदिर का काम चल रहा है। इसके बावजूद समाजजनों ने एक फरमान जारी कर दिया कि हीरालाल द्वारा दान दी गई जमीन कम है। ग्वाल समाज की पंचायत के अनुसार जमीन कम देना बुजुर्ग हीरालाल की ओर से किया गया एक पाप है, जिसका उसे प्रायश्चित करना होगा। पंचायत ने फरमान दिया कि प्रायश्चित के तौर पर हीरालाल सिर पर जूते रखे और गौमूत्र पिये। बुजुर्ग हीरालाल ने बताया कि समाज की पंचायत ने यह फरमान सुनाकर उसका बहिष्कार कर दिया है। हीरालाल और उसके परिवार का समाज के किसी भी आयोजन में शामिल होना प्रतिबंधित कर दिया गया है। यह सुनकर जनसुनवाई में मौजूद अधिकारी भी दंग रह गए और मामले की जांच कराने की बात कही है।
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पंचायत के फरमान के बाद पीड़ित परिवार जन सुनवाई के दौरान कलेक्टर के पास शिकायत करने पहुंचा तब यह पूरा मामला सामने आया। पीड़ित परिवार का कहना है उनके परिवार ने 3 बिस्वा जमीन मंदिर के लिए दान कर दी थी लेकिन अब पंचायत दबाव बना रही है कि वह पूरी जमीन मंदिर को दे दे। इस जमीन पर परिवार का घर बना हुआ है। पीड़ित का कहना है कि पंचायत ने उनके पूरे परिवार का बहिष्कार कर दिया है और समाज के किसी भी कार्यक्रम में भाग लेने से भी इनकार कर दिया है। कलेक्टर के सामने यह पूरा मामला आया तो एसडीएम ने जांच के निर्देश दे दिए हैं।