स्कूलों की मनमानी और प्रशासन की चुप्पी के कारण अभिभावक हो रहे परेशान

गुना, विजय कुमार जोगी। पैरंट एसोसिएशन गुना द्वारा लगातार जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिलाधीश को निजी विद्यालयों द्वारा की जा रही मनमानी के लिए अवगत कराया गया है। इसके बावजूद जिला प्रशासन एवं जिला शिक्षा अधिकारी ना जाने किस दबाव में शांत बैठे हुए हैं। हद तो तब हो गई जब ऑनलाइन क्लास के बाद ऑनलाइन एग्जाम लिए गए और क्राइस्ट स्कूल द्वारा ऑनलाइन एग्जाम के रिजल्ट के लिए पूरी की पूरी कक्षाओं के अभिभावकों को स्कूल बुलाया जा रहा है। साथ ही स्कूल में आने के पश्चात उनसे दबाव डालकर फीस की मांग की जा रही है। साथ ही अभिभावकों से कहा जा रहा है यदि आपने फीस जमा नहीं की तो नवंबर में आयोजित होने वाले ऑनलाइन एग्जाम में आपके बच्चों को ना तो आईडी कार्ड दिया जाएगा नाही परीक्षा में बैठने दिया जाएगा वह उनको फेल घोषित कर दिया जाएगा। आपके बच्चे का साल खराब हो जाएगा इतनी बात होने के बावजूद भी प्रशासन और जिला शिक्षा अधिकारी महोदय चुप बैठे हुए हैं। ऐसा नहीं है कि यह खबरें उनके काम तक नहीं पहुंचती यह सारी बातें निरंतर सोशल मीडिया और मीडिया के माध्यम से उन तक जा रही हैं। इसके बावजूद उनकी चुप्पी कहीं ना कहीं अभिभावकों का विश्वास खो रही है।

अभी कुछ दिनों से लगातार क्राइस्ट स्कूल के टीचरों द्वारा फोन भी लगाए जा रहे हैं। अब उन्होंने नया तरीका अपना लिया है। वेल लैंडलाइन पर वह महिलाओं को फोन लगा रहे हैं ताकि उन पर प्रेशर बनाया जा सके। आज क्राइस्ट स्कूल में कुछ वीडियो भी पेरेंट्स ने बनाएं लेकिन उन पर इतना दबाव बनाया जा रहा है कि वह सामने आने में भी घबराने लगे हैं। जब एक और बात ध्यान देने योग्य है जब ₹300 बोर्ड रजिस्ट्रेशन के लिए शुल्क निर्धारित है, इसके बावजूद बंदना और क्राइस्ट स्कूल द्वारा बहुत सारे ऐसे शुल्क लिए जा रहे हैं जिनकी रसीद भी नहीं दी जा रही है। पेरेंट्स द्वारा जब रसीद मांगी जाती तो उनसे कहा जाता है आप ऑफिस में जाएं, मजबूरी अब यह है कि अभिभावक अपने बच्चों को लेकर बहुत ही चिंतित है और ऐसी स्थिति में जब 6 अक्टूबर को माननीय उच्च न्यायालय का आदेश आना है। सभी स्कूल वाले अपनी रोटी सेकने में लगे हैं केवल गुना का जिला प्रशासन और जिला शिक्षा अधिकारी मौन बैठे हुए हैं। बाकी सभी जगह कार्रवाई की जा रही है। ऐसे में सवाल यह उठता है क्या जिला प्रशासन और जिला शिक्षा अधिकारी और स्कूल प्रबंधन की कोई सांठगांठ है, उक्त सभी समस्याओं के संबंध में आज स्वतंत्रता 5 गुना में पैरंट्सओं की बैठक आयोजित की गई, जिसमें सभी पेरेंट्स ने एकमत होकर यह निर्णय भी लिया कि यदि स्कूल प्रशासन ने अपनी मनमानी इसी प्रकार जारी रखी तो एक साथ हम लोग जाकर सामूहिक रूप से बच्चों की टीसी स्कूल से निकलवा लेंगे। साथ ही यदि प्रशासन जिला प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की तो आगामी समय में हम धरना प्रदर्शन या आंदोलन भी करने के लिए तैयार हैं।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।