गुना : औषधीय और प्राकृतिक महत्व के पौधों से विकसित होगा श्री राम संजीवनी उपवन

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गुना, संदीप दीक्षित। विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) के अवसर पर गुना की प्राचीन नगरी बजरंगगढ़ में समाजसेवियों के समूह ने शनिवार को श्री राम संजीवनी उपवन (Shri Ram Sanjeevani Upvan) की नींव रखी। इस उपवन में औषधीय और प्राकृतिक महत्व के पौधों का रोपण किया जाएगा। खास बात यह है कि पथरीली जमीन पर पौधों को संरक्षित करने के लिए विशेष तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा जिन समाजसेवियों द्वारा पौधे लगाए गए हैं, वहीं इन्हें वृक्ष बनने तक पोषित करेंगे। इसके लिए जिम्मेदारियां भी तय हो गई हैं।

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वरिष्ठ भाजपा नेता और समाजसेवी विश्वनाथ सिंह सिकरवार (छुन्ना) के निर्देशन में बजरंगगढ़ किले के समीप इस उपवन को विकसित करने की प्रक्रिया शुरु हुई। इस दौरान विश्व प्रख्यात संत परम पूज्य राज राजेश्वरानंद जी (पागल बाबा) ने पर्यावरण प्रेमियों को मार्गदर्शन किया और उपवन में एक बरगद का पौधा भी रोपा। राजेश्वरानंद जी ने कहा कि ऑक्सीजन का सही महत्व कोरोना काल में लोगों को समझ आया है। एक पौधा वृक्ष बनने के बाद सैकड़ों लोगों को ऑक्सीजन देता है। अच्छी बात है कि हम देरी से ही सही, लेकिन इस महत्व को समझ चुके हैं। कार्यक्रम के दौरान 101 कन्याओं का पूजन किया गया। उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बिठाते हुए सेनेटाइजर एवं मास्क भी वितरित किया गया। श्री राम संजीवनी उपवन का दृश्य देखते ही बन रहा था। हर कोई अपने आंखों से कुछ देर के लिए इस बंजर जमीन को उपवन में बदलते हुए देख स्वयं को सौभाग्यशाली समझ रहा था।

संक्रमण के बाद लिया संकल्प

भाजपा नेता विश्वनाथ सिंह सिकरवार ने बताया वह और उनके कई साथी कोरोना महामारी के दौरान संक्रमित हुए। इसके बाद उन्होंने संकल्प लिया है कि वह पर्यावरण में ऑक्सीजन की वृद्धि के लिए पौधे लगाएंगे। इस योजना को वृहद रूप देने के लिए उपवन विकसित करने की योजना बनाई। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से प्रेरणा लेकर उनके साथियों ने लगभग 300 लोगों को वायु एप भी डाउनलोग कराए हैं, ताकि लोग पर्यावरण के साथ डिजीटल स्वरूप में भी जुड़ें।

विशेष तकनीक से सिंचित होंगे पौधे

उपवन में लगाए गए पौधों को संरक्षित करने पर अधिक जोर दिया जा रहा है। इसके लिए प्रत्येक पौधे के साथ एक मटकी भी जोड़ी गई, जिसमें पानी भरा जाएगा। ताकि पौधों के नीचे नमी रहे। यह भी ध्यान रखा गया कि यदि रोजाना पौधों में पानी न दे सकें तो मटकी में भरा हुआ जूट की रस्सी के साथ इन्हें नमी पहुंचाएगा। जिससे पौधे सूखेंगे नहीं। इन पौधों को जिम्मेवारी देने वाले समाजसेवी लगभग रोजाना इनकी स्थिति जानने पहुंचेंगे। कार्यक्रम के दौरान प्राइवेट कॉलेज एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप सेन, मधु कृष्णानी, मनीष कृष्णानी, सांसद प्रतिनिधि रमेश मालवीय, भानू सिकरवार, आशुतोष तिवारी, लोकेश पाण्डेय, प्रदीप भट्ट, मंडी सचिव रियाज अहमद, आनंद मंगल, गिरिराज प्रजापति, अन्नू शर्मा, सुमित चंदेल आदि मौजूद रहे।


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Prashant Chourdia

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