बिजली के अभाव में आदिवासी किसान परेशान, विद्युत विभाग पर लगाए आरोप

Gaurav Sharma
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tirbe farmers of guna

गुना, विजय कुमार जोगी। जिले की चाचोड़ा तहसिल के काकरिया गांव में भील आदिवासी ग्रामीण (tribe farmers) अपनी खेती करके गुजर बसर करते हैं। इन किसानों को अब भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि गेहूं और चने की एवं धनिया की खेती के लिए ग्रामीणों के पास पर्याप्त सिंचाई के साधन और बिजली नहीं मिल पा रही है और जो खंबे गांव में लगे हुए थे उनसे अज्ञात बदमाशों ने बिजली के तार भी चुरा लिए है।

बिजली चोरी की शिकायत ग्रामीणों ने कलेक्टर से की है। साथ ही चाचौड़ा जैई पर भी आरोप लगाए हैं कि 65,000 रुपए लेकर भी अभी तक हमें बिजली नहीं मिल पाई है, जिसके चलते आने वाली फसल हम कैसे करेंगे अब देखने वाली बात यह होगी। वहीं आदिवासियों के नाम पर सरकार इतनी योजनाएं चला रही है और मंदसौर से बड़े-बड़े दावे नेता और जनप्रतिनिधि करते हैं, ऐसे में किसानों से इतनी बड़ी ठगी गुना बिजली विभाग (Guna Electricity Department) के अधिकारी द्वारा रखी जाती है और वरिष्ठ अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगती यह बड़ा सवाल है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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