गुना।संदीप दीक्षित। मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया का गुना में सार्वजनिक मंच से दिया गया बयान विवाद की वजह बन गया है। 2019 लोकसभा के चुनाव में गुना से सिंधिया की हार को मंत्री जी ने गलती बताया है और सिंधिया से इसके लिए क्षमा करने की गुजारिश की है। कांग्रेस इस पर चुटकी ले रही है।
अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत सिंधिया खेमे से करने वाले मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया शायद यह भूल गए हैं कि वे अब बीजेपी में है। 2020 में जब सिंधिया ने बीजेपी का दामन थामा था तब मंत्री जी ने मंत्री पद को ठुकरा कर सिंधिया के साथ बीजेपी में आना स्वीकार किया था।उपचुनाव मे जीते और एक बार फिर बीजेपी सरकार में मंत्री बन गए। राजनीतिक प्रतिबद्धता सिंधिया के साथ है तो समय-समय पर उसे दिखाते भी रहना भी जरूरी है।
मंत्री जी ने गुरुवार की रात गुना में एक सार्वजनिक मंच पर ऐसा किया भी। उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में सिंधिया की हार को जनता की गलती बता दिया और सिंधिया से कहा कि आप बड़े हो, बड़ों को क्षमा करना चाहिए। दरअसल 2019 के लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया को पहली बार अपने राजनीतिक जीवन में हार का सामना करना पड़ा था जब बीजेपी के टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ रहे के पी यादव ने उन्हें करारी शिकस्त दी थी। यानि अगर मंत्री जी के बयान को समझा जाए तो वे 2019 में बीजेपी की जीत को जनता की गलती बता रहे हैं।
सिसोदिया के इस बयान पर सांसद के पी यादव का कहना है कि गुना हमेशा से ही बीजेपी का गढ़ रहा है और इक्के दुक्के के मौकों को छोड़कर यहां से बीजेपी ही सफलता प्राप्त करती रही है। के पी यादव ने कहा कि बीजेपी मूल्य और संस्कार आधारित पार्टी है। यहा व्यक्ति पूजा का कोई महत्व नहीं। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सिंह सलूजा ने महेंद्र सिसोदिया के इस बयान पर तंज कसते हुए कहा है कि मंत्री जी कह रहे हैं “2019 की भूल, कमल का फूल।” सलूजा ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि “मंत्री जी बताएं कि क्या 2019 में बीजेपी को हराकर जनता ने गलती की।”
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Pooja Khodani
खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते।
"कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ।
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दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ।
झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।"
(पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)