छुट्टी के लिए कलेक्ट्रेट के चक्कर लगाना पड़ेगा महंगा, प्रशासन ने अपनाया सख्त रुख

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारियों ने जुट गई है उधर चुनावों में छुट्टी की जुगत लगाने के लिए शासकीय सेवक जुट गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश में शुरू हुई चुनावी प्रकिया के बीच शासकीय सेवकों के छुट्टियों के आवेदनों की संख्या में वृद्धि दर्ज की जाने लगी है ऐसे में ग्वालियर जिला प्रशासन (Gwalior District Administration) ने ताकीद किया है कि कोई भी शाकीय सेवक छुट्टी के लिए कलेक्ट्रेट में चक्कर लगाता मिला तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।

अपर कलेक्टर एचबी शर्मा ने एक आदेश जारी कर स्पष्ट किया है कि कोई भी शासकीय सेवक यदि छुट्टी के लिए कलेक्ट्रेट में चक्कर लगाता मिला तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। आदेश का उल्लंघन होने पर संबंधित विभाग के कार्यालय प्रमुख भी जवाबदेह होंगे। अपर कलेक्टर श्री शर्मा ने नगरीय निकायों एवं त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन के दौरान शासकीय सेवकों की छुट्टी मंजूर करने के लिए एक प्रक्रिया निर्धारित की है।

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आदेश में स्पष्ट किया है कि अति आवश्यक होने पर शासकीय सेवक अवकाश का आवेदन अपने कार्यालय प्रमुख को प्रस्तुत करेंगे। कार्यालय प्रमुख अधीनस्थ शासकीय सेवक के आवेदन का परीक्षण कर अनुशंसा सहित नोटशीट अपर कलेक्टर एच बी शर्मा को भेजेंगे। कार्यालय प्रमुख यह भी सुनिश्चित करेंगे कि उनके अधीनस्थ शासकीय सेवक छुट्टी के लिए सीधे ही कलेक्ट्रेट के अनावश्यक चक्कर लगाकर चुनाव के काम में बाधक न बनें।

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ज्ञात हो कि प्रस्तावित नगरीय निकायों एवं त्रि-स्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन को ध्यान में रखकर जिले में पदस्थ शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अवकाश तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिए गए हैं। साथ ही प्रसूति एवं अन्य चिकित्सकीय अवकाशों को छोडकर सभी तरह के अवकाश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी (स्थानीय निर्वाचन) आशीष तिवारी ने विशेष परिस्थितियों में किसी भी प्रकार के अवकाश का अनुमोदन के लिए अपर कलेक्टर एच बी शर्मा को अधिकृत किया है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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