ग्वालियर : खेत से रास्ता निकालने को लेकर दो पक्षों में खूनी संघर्ष, एक की मौत, दो घायल, मामला पुरानी रंजिश का

Gaurav Sharma
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dispute between two parties in gwalior

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर  जिले के पनिहार थाना क्षेत्र में खेत से रास्ता निकालने को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया और गोलियां चल गई। फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि दो घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए जयारोग्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है। संघर्ष की वजह पुरानी रंजिश बताई गई है। फरियादी पक्ष आरोपियों के संबंध पूर्व मंत्री लाखन सिंह से बता रहे हैं।

जानकारी के अनुसार ग्वालियर के पनिहार थाना क्षेत्र के गाँव बनवारी रावत में पुरानी रंजिश को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया। बताया जा रहा है कि गुरुवार को खेत से रास्ता निकालने को लेकर विवाद हो गया और गोलियां चल गई। जिसमें उदल सिंह नामक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि मलखान सिंह एवं एक अन्य व्यक्ति घायल हो गया। परिजन पुष्पेंद्र रावत ने बताया कि हमारे खेत से रास्ता निकालने को लेकर जब राजेश को रोका तो उसने अपने 10-15 साथियों के साथ मिलकर हम लोगों पर हमला कर दिया।

इसमें दो लोग माउजर लिए थे, कुछ लोग कट्टे लिए थे जबकि कुछ के पास कुल्हाड़ी और अन्य हथियार थे। राजेश और उसके साथियो ने गोली चला दी। माउजर की गोली उदल सिंह, मलखान और अन्य व्यक्ति को लगी। जिससे उदल सिंह की मौत हो गई जबकि मलखान गंभीर रूप से घायल हो गया।

मलखान को ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है।पुष्पेंद्र ने आरोप लगाया राजेश पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक लाखन सिंह का समर्थक है। उसे लाखन सिंह का संरक्षण प्राप्त है। हालांकि ग्वालियर पुलिस ने अभी इस बात की पुष्टि नहीं की है । खबर लिखे जाने तक पुलिस मामले की जाँच में जुटी है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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