सीएम शिवराज की बड़ी घोषणा, मध्य प्रदेश की धरती पर अब नाम हिंदी में लिखा जाएगा

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने आज ग्वालियर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्(ABVP) के प्रांतीय अधिवेशन का शुभारम्भ किया। उन्होंने उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए अपने छात्र जीवन के संघर्ष और समाजसेवा के किस्से सुनाये, उन्होंने कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूँ कि मैं विद्यार्थी परिषद् का कार्यकर्ता रहा हूँ। उन्होंने अंग्रेजी भाषा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि अब से मध्य प्रदेश की धरती पर नाम अंग्रेजी में नहीं लिखे जायेंगे, मातृभाषा हिंदी में लिखे जायेंगे।

ग्वालियर के फूलबाग मैदान में आज से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ABVP का 55 वां प्रांतीय सम्मेलन शुरू हुआ।  इस अधिवेशन में मध्य प्रदेश के वर्तमान परिदृश्य पर चर्चा होगी। अधिवेशन के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री प्रफुल्ल आकांत जी है। कार्यक्रम में 18 जिलों से 1200 से ज्यादा  विद्यार्थी और शिक्षक शामिल हो रहे हैं।

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सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए भोपाल में बिताये छात्र जीवन के किस्से सुनाये।  उन्होंने छात्र संघ का चुनाव लड़कर छात्र नायक बनने से लेकर आपातकाल में पुलिस के डंडे खाने, जेल जाने तक के किस्से सुनाये और कहा कि आज जो कुछ भी हूँ विद्यार्थी परिषद् के कारण ही हूँ। मैं सौभाग्यशाली हूँ कि मैं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् का कार्यकर्ता रहा हूँ।

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उन्होंने कहा कि आज दर्द होता है, हम आजाद तो हो गए लेकिन भारत मां का विभाजन हो गया, यदि पाकिस्तान के साथ युद्ध विराम ना होता तो जो हिस्सा पाकिस्तान में चला गया वो कश्मीर हमारा ही होता। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद जिन्होंने सत्ता संभाली वे देश को सही दिशा में नहीं ले जा सके। कश्मीर में 370 लगा दी और भी बहुत कुछ किया।  लेकिन जब धारा 370 हटने की बात शुरू हुई तो कहने लगे आग लग जाएगी कश्मीर में, लेकिन क्या हुआ सबके सामने है।

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जब हम कहते थे कि राम लला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे तो कुछ लोग कहते थे कि तारीख नहीं बताएंगे। अरे आज तारीख भी देख लो मंदिर भी देख लो। उन्होंने कहा कि सही मायने में आजादी के परवानों ने जिस भारत का सपना देखा था आज वो सच हो रहा है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, महाकाल महालोक आपने देख लिए आगे और भी बहुत कुछ देखने को मिलेगा। अब जल्द ही धार में वागदेवी की प्रतिमा भी लगाई जाएगी।

भाषा ज्ञान, शिक्षा व्यवस्था पर प्रहार करते हुए सीएम शिवराज ने कहा कि  शिक्षा व्यवस्था में अंग्रेजी को हावी कर ऐसा बना दिया गया कि जो अंग्रेजी नहीं जानता वो कुछ नहीं जानता। जानबूझकर पाठ्यक्रम ऐसे बना दिए कि गरीब का बच्चा वहां जाने की सोच न पाए, जिन्हें बोलना नहीं आता वो भी कुछ अंग्रेजी बोलते है।

उन्होंने कहा कि जब स्पेन, रूस, जापान, जर्मनी अपनी मातृभाषा में पढ़ाते हैं तो हम क्यों नहीं इसलिए मध्य प्रदेश ने इसकी पहल की है। शिवराज ने कहा कि छोटे छोटे कस्बों में लिखा होता है आई लव पोरसा, अरे भाई मेरा प्यारा पोरसा लिखने में क्या परेशानी है , आई लव ग्वालियर की जगह मेरा प्यारा ग्वालियर लिखे तो क्या दिक्कत?

उन्होंने कहा कि मैं आज यहाँ से घोषणा कर रहा हूँ कि मध्य प्रदेश की धरती पर अब नाम हिंदी में लिखा जायेगा, इसके अलावा अब से महापुरुषों के नाम भी पूरे लिखे जायेंगे।  कोई टीटी नगर नहीं लिखेगा तात्या टोपे नगर लिखे। जल्दी  ही सरकार इसका आदेश निकालेगी।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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