कांग्रेस विधायक फूलसिंह बरैया बोले- पहले तो पशु जीवन था, इंसान का दर्जा अंबेडकर ने दिलाया, कुंभ में “पाप धोने वाले” बयान का किया समर्थन

देश के 140 करोड़ लोगों में से 138 करोड़ लोग ऐसे हैं जो जानवर से इंसान बनाने वाले अंबेडकर को अपना भगवान ही मानते हैं, यदि अमित शाह को ये ज्ञान होता तो ऐसा नहीं कहते।

Atul Saxena
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Congress MLA Phoolsingh Baraiya Statement: कांग्रेस विधायक फूलसिंह बरैया ने “कुंभ में पापी जाते हैं” वाले बयान का समर्थन किया है उन्होंने कहा कि इसमें गलत बात क्या है, गंगा में जो डुबकी लगाने जाता है उसका भाव वही होता है बस भाजपा ये कहती तो सही होता दूसरा नहीं कह सकता। उन्होंने अम्बेडकर को लेकर अमित शाह के बयान पर पलटवार करते हुए बड़ी बात कही, बरैया ने कहा कि भारत में पहले सबका जीवन जानवर की तरह था लोगों को इंसान का दर्जा अंबेडकर ने ही दिलाया है।

ग्वालियर में मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस विधायक फूलसिंह बरैया ने कहा कि राहुल गांधी की तरफ से संविधान बचाओ रैली, जय भीम, जय बापू, जय संविधान रैली 27 जनवरी को होने जा रही है, मुझे मालूम चला है कि इस रैली को काउंटर करने के लिए अमित शाह भी कोई रैली करने वाले हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए दोनों रैलियों में अंतर बताया और भाजपा पर निशाना साधा। बरैया ने कहा एक चिड़िया को दाना मालिक भी डालता है और शिकारी भी, मालिक जब दाना डालता है तो उसका भाव ये है कि वो चिड़िया की जिंदगी बचाएगा और शिकारी जब दाना डालता है तो उसका भाव ये है कि चिड़िया की जान जाएगी इसलिए मोदी, शाह और वीडी शर्मा जो बात कर रहे हैं वो शिकारी का दाना है।

RSS प्रमुख का बयान तथ्यहीन 

संघ प्रमुख मोहन भगवत के सच्ची आजादी वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस विधायक ने कहा, किसी भी देश की आजादी धर्म या समाज से नहीं होती, वो राजनीतिक होती है हमारे देश पर अंग्रेजों का कब्ज़ा था यहाँ के लोगों ने खून बहाकर देश को आजादी दिलवाई, ये राजनीति से संभव हुआ इसलिए मोहन भागवत का बयान ही गलत है ये तथ्यपूर्ण बयान नहीं है।

कुंभ में लोग पाप ही धोने जाते हैं 

कुंभ में पाप धोने पापी जाने वाले बयान का समर्थन करते हुए बरैया ने कहा कि ये बात यदि भाजपा के लोग कह देते हैं तो सही है ये नहीं चाहते कि कोई ओबीसी एससी एसटी ये बात कहे। बरैया ने कहा कि एक फिल्म थी राम तेरी गंगा मैली, उसमें भी गाना था “राम तेरी गंगा मैली हो गई पापियों के पाप धोते धोते” तो गंगाजी में डुबकी लगाने जो भी जाता है वो इसी भाव से जाता है यदि पाप किये होंगे तो धुल जायेंगे नहीं तो पुण्य मिल जायेगा और कुंभ भी गंगा में ही है इसलिए बयान बिलकुल सही है। उन्होंने कहा पीएम मोदी और अमित शाह ने इस देश का माहौल ऐसा बना दिया है कि अब तर्क और सत्य की जगह बची नहीं है।

पहले सब पशु सम्मान थे, बाबा साहब ने ही इंसान का दर्जा दिलाया 

अंबेडकर को लेकर सांसद में अमित शाह द्वारा दिए गए बयान पर फूल सिंह बरैया ने कहा,दरअसल अमित शाह नादान हैं उन्हें अंबेडकर के बारे में ज्ञान नहीं है उन्होंने कहा था अंबेडकर …अंबेडकर…अंबेडकर …कहते हो यदि इतना नाम भगवान का ले लेते तो उद्धार हो जाता, बरैया ने कहा- इस देश में एक समय ऐसा था कि लोगों को पशु का दर्जा था, स्त्री और शूद्रों को विद्या का अधिकार नही था कहते थे ये पशु समान हैं बस अंतर इतना है कि इनके पूछ और सींग नहीं है, तो यदि बाबा साहब का संविधान नहीं होता तो स्त्री आज राष्ट्रपति, कलेक्टर, सरपंच, राज्यपाल नहीं होती, स्त्री इस देश की आधी आबादी है।

देश के 138 करोड़ लोग अंबेडकर को भगवान ही मानते हैं  

कांग्रेस विधायक ने कहा, एससी, एसटी, ओबीसी, अल्प संख्यक को बाबा साहब ने ही इंसान का दर्जा दिलाया है, देश के 140 करोड़ लोगों में से 138 करोड़ लोग ऐसे हैं जो जानवर से इंसान बनाने वाले अंबेडकर को अपना भगवान ही मानते हैं, यदि अमित शाह को ये ज्ञान होता तो ऐसा नहीं कहते। ठीक है यदि कह दिया गलती हो गई तो माफ़ी मांग लेते, लेकिन माफ़ी भी नहीं मांगी वो इसलिए कि सितम्बर में मोदी जी 75 साल के हो जायेंगे वो इस्तीफा देंगे और अमित शाह पीएम बनेंगे यदि माफ़ी मांग ली तो भाजपा कहेगी कि जो व्यक्ति माफ़ी मांगता हो वो पीएम कैसे बनेगा? इसलिए वो अकड़ में हैं और बाबा साहब की जन्म स्थली पर रैली के माध्यम से जाकर चुपचाप माफ़ी मांग लेंगे।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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