ग्वालियर, अतुल सक्सेना । ग्वालियर नगर निगम (Gwalior Municipal Corporation) में 57 साल बाद महापौर पद पर जीत हासिल कर इतिहास बनाने वाली कांग्रेस (Gwalior Congress) अपनी ही पार्टी का सभापति बनाकर नया इतिहास बनाने को आतुर है। हालाँकि उसके पास भाजपा (Gwalior BJP) से चुनकर आये पार्षदों से कम पार्षद हैं लेकिन फिर भी वो दावा कर रही है कि सभापति उनका ही होगा। जीत से उत्साहित कांग्रेस (MP Congress) अब अपने नए पार्षदों को परिषद् की कार्यशैली, आचार व्यवहार और नगर निगम अधिनियम का पाठ पढ़ाने की तैयारी कर रही है।
कांग्रेस ने इस बार के चुनाव में 57 साल का सूखा खत्म कर दिया और महापौर पद पर जीत हासिल कर भाजपा (BJP Madhya Pradesh) के उस भ्रम को तोड़ दिया जिसमें भाजपा मान चुकी थी कांग्रेस अब खत्म हो गई है। नगर निगम में अपनी ही पार्टी का सभापति बनाने की जोड़तोड़ में जुटी कांग्रेस अब अपने नए पार्षदों को परिषद् का पाठ पढ़ाने जा रही है।
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कांग्रेस के जिला अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा के मुताबिक इस बार पार्टी का फोकस युवाओं की तरफ था इसलिए चुनकर भी युवा पार्षद अधिक आये हैं। खास बात ये है जो जीते हैं उनमें से अधिकांश पहली बार परिषद् में पहुंचेंगे इसलिए उनको परिषद् की कार्यशैली से अवगत कराने, परिषद् में आचार व्यवहार और नगर निगम अधिनियम का पाठ पढ़ाने जा रही है।
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जिला अध्यक्ष ने बताया कि पार्टी ने डेढ़ से दो घंटे का एक सेशन रखने का फैसला किया है जिसमें हमारे सीनियर पार्षद जिन्हें परिषद् की कार्यवाही का लम्बा अनुभव है वो शामिल रहेंगे और नए पार्षदों को इस सबकी जानकारी देंगे जिससे उन्हें परिषद् की कार्यवाही में शामिल होते समय कोई परेशानी नहीं हो।