प्रदेश के ग्रामीण परिवार अपने घर में ही पेयजल की सुविधा का लाभ पायें, इसके लिए मिशन में लगभग हर जिले में जल-प्रदाय योजनाओं के कार्य जारी हैं। प्रदेश के 5 हजार 400 ग्राम ऐसे हैं जहाँ शत-प्रतिशत परिवारों को नल कनेक्शन से जलापूर्ति सुनिश्चित कर ली गई है, वहीं 35 हजार से अधिक ग्रामों की जल-प्रदाय योजनाओं के कार्य प्रगतिरत है। समूचे प्रदेश की ग्रामीण आबादी के लिए एक करोड़ 22 लाख परिवारों को नल कनेक्शन से जल उपलब्ध करवाने के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 51 लाख 28 हजार से अधिक ग्रामीण परिवारों को “हर घर जल” सुविधा का लाभ दिया जा चुका है।
इससे पहले रविवार को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने जल जीवन मिशन में ग्रामीण नल-जल प्रदाय के लिए 608 करोड़ 55 लाख 87 हजार रूपये की लागत की 1142 ग्रामों की एकल जल-प्रदाय योजनाओं की स्वीकृति जारी की थी। इन स्वीकृत जल-प्रदाय योजनाओं के कार्यों का लाभ नर्मदापुरम, रायसेन, बैतूल, उज्जैन, शाजापुर, रतलाम, देवास, धार, बड़वानी, ग्वालियर, गुना, दतिया, कटनी, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, डिण्डोरी, नरसिंहपुर, उमरिया और अनूपपुर की ग्रामीण आबादी को मिलेगा।
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इस प्रस्तावित जल-प्रदाय योजनाओं के कार्य पूर्ण होने पर इन जिलों में निवासरत ग्रामीण परिवारों को उनके घर पर ही नल कनेक्शन से जल मुहैया करवाया जायेगा।मिशन में जारी इस स्वीकृति में कुल 1142 ग्रामों की एकल जल-प्रदाय योजनाएँ शामिल हैं। प्रदेश के करीब 51 लाख 20 हजार ग्रामीण परिवारों को उनके घर में ही जल की उपलब्धता सुनिश्चित की जा चुकी है। इसी तरह 5 हजार 382 ग्राम ऐसे हैं, जिनके सभी परिवारों को पेयजल मुहैया करवाया गया है। मिशन में 23 हजार 700 से अधिक ग्रामों की जल-प्रदाय योजनाओं के कार्य 70 से 90 प्रतिशत पूरा होने को हैं और 7 हजार 300 से अधिक ग्रामों के लिए समूह और एकल जल-प्रदाय योजनाओं के कार्य शुरू किये जा रहे हैं।