सब्जी वाले और ठेला व्यवसाइयों को हॉकर्स जोन में भेजने पर छिड़ी जंग, कांग्रेस ने दिया धरना

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। हजीरा सब्जी मंडी के दुकानदारों और चौराहे के आसपास लगे ठेले व्यवसाइयों को इंटक मैदान में बनाये गए हॉकर्स जोन में भेजने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस इसके खिलाफ मैदान में उतर आई है। कांग्रेस का कहना है कि एक भी दुकानदार को नहीं उजाड़ने के बड़े बड़े दावे करने वाले ऊर्जा मंत्री अब चुप क्यों हैं? क्यों एक दम सभी छोटे दुकानदारों को उजाड़ दिया?

बरसों से एक जगह व्यवस्थित तरीके से हजीरा सब्जी मंडी में व्यापार कर घर चला रहे दुकानदारों को पिछले दिनों नगर निगम ने हटा दिया। प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में नगर निगम के अमले ने हजीरा सब्जी मंडी के दुकानदारों और हजीरा चौराहे के आसपास ठेला लगाकर व्यवसाय करने वाले व्यवसाइयों को इंटक मैदान में बने हॉकर्स जोन में शिफ्ट कर दिया था।

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सब्जी मंडी और ठेला व्यवसाई शिफ्ट करने के बाद विरोध के सुर भी उठने लगे, बहुत से दुकानदारों ने इसका विरोध किया, और नगर निगम अमले पर अभद्रता करने के आरोप लगाए, नाराजगी देखकर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने भी जाकर सब्जी विक्रेताओं से मुलाकात की, उन्हें बुजुर्ग दुकानदार महिलाओं के यहाँ गुस्से का शिकार भी होना पड़ा , ऊर्जा मंत्री ने तो एक महिला के हाथों को पकड़कर अपने गालों तक लाते हुए कहा कि मुझसे कोई गलती हुई हो तो मेरे गाल पर थप्पड़ मार लो।

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अब इस मामले में कांग्रेस की भी एंट्री हो गई है। दुकानदारों को अचानक हॉकर्स जोन में शिफ्ट करने की कार्रवाई का कांग्रेस विरोध कर रही है।  कांग्रेस के प्रदेश महासचिव सुनील शर्मा का कहना है कि एक दम से दुकानदारों को उजाड़ने का क्या मतलब है। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर तो कहते थे कि एक भी दुकानदार को उजड़ने नहीं दूंगा लेकिन फिर कैसे उजाड़ दिया। कांग्रेस ने धरना देकर प्रशासन की कार्यवाही का विरोध किया।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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