हाई कोर्ट के वकील की चेतावनी के बाद कांग्रेस ने हटाया ट्वीट, ये है पूरा मामला

Atul Saxena
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Gwalior News : एमपी में विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटी कांग्रेस और भाजपा के नेता एक दूसरे पर आरोप लगाने के एक भी मौका गंवाना नहीं चाहते लेकिन कई बार जल्दबाजी के चक्कर में पार्टियों को मुँह की भी खानी पड़ती है। ताजा मामला भी ऐसा ही है जिसमें एमपी कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडिल पर हाई कोर्ट के एक वकील की बाइट को शेयर करते हुए भाजपा को घेरा जबकि बाइट में किसी नेता का नाम भी वकील ने नहीं लिया इतना ही नहीं वकील को केंद्रीय मंत्री का समर्थक कहकर सम्बोधित किया, जब ट्वीट वकील तक पहुंचा तो उसने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से नाराजगी जताई और लीगल नोटिस देने की चेतावनी दी जिसके बाद कांग्रेस ने ट्वीट को डिलीट कर दिया।

एडवोकेट तोमर ने केदारपुर पट्टा आवंटन सूची की जाँच की मांग की  

दर असल मामला ग्वालियर शहर के हटाये गए गरीबों के आवासीय पट्टों से जुड़ा है, हाई कोर्ट के वकील अवधेश सिंह तोमर ने पिछले दिनों 6 जुलाई को कलेक्टर ग्वालियर और नगर निगम कमिश्नर को संबोधित करते ही एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने केदार पुर ग्राम में 263 पात्र पट्टाधारी हितग्राहियों को भूखंड आवंटित किये जाने के मामले में निष्पक्ष जाँच की मांग की। एडवोकेट तोमर ने कहा कि जिन्हें भी पट्टा दिया जाये उनके सभी दस्तावेज आधार आदि का सत्यापन किया जाये तभी दिया जाये।

कुछ नेताओं द्वारा अपनी सूची जिला प्रशासन को सौंपने के आरोप 

एडवोकेट तोमर ने पत्र में बताया कि जिला प्रशासन द्वारा फूटी कॉलोनी, सिरोल पहाड़ी, डोंगरपुर आदि क्षेत्रों से विस्थापित किये गए 263 गरीबों को ग्राम केदारपुर के सर्वे क्रमांक 103 में पट्टे स्वीकृत किये गए है और कॉलोनी बनाने की तैयारी शुरू की जा रही है , इस बीच उनके संज्ञान में आया है कि कुछ नेताओं द्वारा ऐसे लोगों के नाम भी प्रशासन को सौंपे गए हैं जो कभी फूटी कॉलोनी, सिरोल पहाड़ी, डोंगरपुर में रहे ही नहीं हैं।

सूची में ऐसे लोगों के नाम का दावा जो पात्र ही नहीं हैं   

एडवोकेट अवधेश सिंह तोमर ने पत्र में कहा कि उनकी जानकारी में पीड़ितों की तरफ से जानकारी आई है पूर्व विधायक एवं मप्र बीज निगम के अध्यक्ष मुन्नलाल गोयल ने एक सूची जिला प्रशासन को सौंपी है जिसमें करीब 25-30 नाम ऐसे लोगों के हैं जो कभी उक्त स्थानों पर रहे ही नहीं हैं जहाँ से गरीबों को हटाया गया है, कहा जा रहा है कि ये लोग मुन्नालाल गोयल के अपने लोग हैं जिन्हें पट्टे दिलाने के प्रयास किये गए हैं, इसलिए जिन्हें भी केदारपुर में पट्टे दिए जाएँ उनका अच्छे से सत्यापन करा लिया जाये।

एडवोकेट तोमर के बाईट को एमपी कांग्रेस ने शेयर किया

बीते रोज एडवोकेट अवधेश सिंह तोमर ने इस मामले में कुछ मीडिया चैनल्स पर इंटरव्यू दिया जिसे एमपी कांग्रेस ने अपने अधिकारिक  ट्विटर एकाउंट पर शेयर किया और उसमें वकील अवधेश तोमर को अंचल के एक केंद्रीय मंत्री का समर्थक बताते हुए लिखा कि वकील तोमर ने मुन्नालाल गोयल पर गरीबों के आवासों को भाजपा नेताओं को दिलाने का आरोप लगाया, कांग्रेस ने शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा और घोटाले का आरोप लगाया।  कांग्रेस ने एडवोकेट तोमर की बाईट को अपने फेसबुक पेज पर भी शेयर किया।

तोमर ने उनका नाम केंद्रीय मंत्री से जोड़ने पर जताई आपत्ति 

पोस्ट वायरल होने के बाद एडवोकेट तोमर के पास भी पहुंची उन्होंने कांग्रेस द्वारा उनका नाम केंद्रीय मंत्री के साथ जोड़ने पर आपत्ति जताई, एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ से बात करते हुए एड्वोकेट अवधेश तोमर ने कहा कि मैं एक वकील हूँ यदि कोई मेरे पास शिकायत लेकर आयेगा तो मैं उसकी जाँच के लिए पत्र लिखूंगा, उन्होंने कहा कि जिस बाईट को कांग्रेस ने शेयर किया मैंने उसमें किसी का नाम ही नहीं लिया फिर कैसे मेरा नाम एक मंत्री विशेष के साथ जोड़कर लिखा गया।

वकील की शिकायत के बाद कांग्रेस ने सोशल मीडिया से हटाई पोस्ट  

एडवोकेट अवधेश सिंह तोमर ने कहा कि उन्होंने तत्काल कांग्रेस के एक वरिष्ठ प्रवक्ता से बात की और ट्वीट तथा फेसबुक पर उनका बाईट इस तरह से लगाने पर नाराजी जताई और हटाने के लिए कहा साथ ही नहीं हटाने पर लीगल नोटिस देने की बात भी कही, इसके थोड़ी देर बाद कांग्रेस ने ट्वीट और फेसबुक पोस्ट को डिलीट कर दिया। एडवोकेट तोमर ने कहा कि अपने राजनीतिक  फायदे के लिए पार्टियों को ऐसे किसी का नाम किसी से जोड़कर नहीं लिखना चाहिए ये गलत परंपरा है।

हाई कोर्ट के वकील की चेतावनी के बाद कांग्रेस ने हटाया ट्वीट, ये है पूरा मामला

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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