ग्वालियर, अतुल सक्सेना| कोरोना गाइड लाइन (Corona Guideline) के उल्लंघन को लेकर हाईकोर्ट (Highcourt) में दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने नियमों का उल्लंघन करने वाले जनप्रतिनिधियों के खिलाफ FIR के आदेश दिये थे जिसके बाद कलेक्टर ग्वालियर (Gwalior Collector) के पत्र के बाद शनिवार को एसपी ने नियमों का उल्लंघन करने वाले जनप्रतिनिधियों के खिलाफ अलग अलग थानों में FIR दर्ज की करने के आदेश दिये।
कोरोना महामारी के दौरान भी राजनीतिक दल चुनावी माहौल में भीड़ जुटाने से नहीं चूक रहे। इतना ही नहीं पुलिस और प्रशासन को की गईं तमाम शिकायतों के बाद भी जब कोई कार्रवाई नहीं की गई तो एक एडवोकेट आशीष प्रताप सिंह ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में जनहित याचिका दायर की। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 3 अक्टूबर को आदेश दिया कि राजनैतिक कार्यक्रमों में 100 लोगों से अधिक की भीड़ जुटाने वाले जनप्रतिनिधियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। याचिका की सुनवाई के दौरान न्याय मित्रों ने जिले की तीनों विधानसभाओं में आयोजित राजनैतिक कार्यक्रमों में 100 लोगों से ज्यादा की भीड़ के फोटो साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किए ।
याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पिछले दिनों 13 अक्टूबर को ग्वालियर और दतिया जिला प्रशासन को आदेश दिया कि कोरोना गाइड लाइन का उल्लंघन केन वाले जन प्रतिनिधियों के खिलाफ पहले FIR की जाए फिर जांच की जाए। आदेश के पांच दिन बाद ग्वालियर जिला कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने पुलिस अधीक्षक अमित सांघी पत्र लिखकर FIR के निर्देश दिये जिसके बाद ग्वालियर पूर्व विधानसभा के भाजपा प्रत्याशी मुन्नालाल गोयल,कांग्रेस प्रत्याशी सतीश सिकरवार, प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एवं ग्वालियर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी प्रद्युम्न सिंह तोमर और प्रत्याशियों के खिलाफ अलग अलग थानों में FIR दर्ज की गई। ये FIR हजीरा थाना, गोला का मंदिर थाना और झांसी रोड थाना में दर्ज की गई हैं।