सहायक वाणिज्यकर अधिकारी और वकील को कोर्ट ने सुनाई चार चार साल की सजा, ये है पूरा मामला

Atul Saxena
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Gwalior News : ग्वालियर जिला न्यायालय ने रिश्वत लेते लोकायुक्त द्वारा रंगे हाथ गिरफ्तार किये गए सहायक वाणिज्य कर अधिकारी एवं एक वकील को अलग अलग धाराओं में सश्रम कारावास की सजा सुनाई हैं, कोर्ट ने दोनों आरोपियों पर जुर्माना भी लगाया है।

इन धाराओं में कोर्ट ने सुनाई सजा

ग्वालियर जिला न्यायालय (Gwalior District Court ) के विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 आदित्य रावत के न्यायालय ने आरोपीगण धनराज गौड सहायक वाणिज्यकर अधिकारी, वाणिज्यकर कार्यालय ग्वालियर एवं महेन्द्र जैन एडवोकेट ग्वालियर को धारा 7 में 3 वर्ष के सश्रम कारावास और दो हजार रूपये के अर्थदण्ड, धारा 8 में 4 वर्ष के सश्रम कारावास और दो हजार रूपये के अर्थदण्ड, धारा 13 (1), डी, 13 (2 ) पीसी एक्ट 1988 में 4 वर्ष के सश्रम कारावास और दो हजार रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया है।

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11 दिसंबर 2012 को फरियादी ने की थी शिकायत

अभियोजन की ओर से पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी लोकायुक्त संभाग ग्वालियर श्रीमती राखी सिंह ने की, उन्होंने  घटना के बारे में बताया कि 11 दिसंबर 2012 को आवेदक बृजेश चंद्र जायसवाल निवासी रोशनी घर गोमती बाई का बाड़ा लश्कर ने पुलिस अधीक्षक विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय को इस आशय की शिकायत की थी कि आरोपी धनराज गौड सहायक वाणिज्यकर अधिकारी वाणिज्यकर कार्यालय ग्वालियर एवं महेन्द्र जैन एडवोकेट के द्वारा फरियादी बृजेश चंद्र जायसवाल से शुभम पावभाजी के नाम से दुकान का सेल्सटैक्स कम करने के एवज में रिश्वत मांगी थी।

लोकायुक्त पुलिस ने 40 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था

शिकायत के बाद 12 दिसंबर 2012 को ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस (gwalior lokayukta police) ने दोनों को 40 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया था और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा (1), डी, 13 (2) पीसी एक्ट 1988 के तहत चालानी कार्रवाई करते हुये प्रकरण सक्षम न्यायालय 16 जून 2014 में प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में पैरवीकर्ता श्रीमती राखी सिंह जिला अभियोजन अधिकारी लोकायुक्त ग्वालियर ने पैरवी की जिसमें अभियोजन की साक्ष्य एवं सफल विचारण उपरांत अभियोजन मामला सिद्ध होने पर विशेष न्यायालय द्वारा आरोपीगण धनराज गौड सहायक वाणिज्य कर अधिकारी वाणिज्यकर कार्यालय ग्वालियर एवं महेन्द्र जैन एडवोकेट को दंडित किया।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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