ग्वालियर में अपराधियों के हौंसले बुलंद, 5 दिन मे 6 हत्या, कानून व्यवस्था पर उठे सवाल

Pooja Khodani
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर (Gwalior Crime News) में एक और हत्या हो गई। हमलावर ने घर में घुसकर युवक की चाकुओं से गोदकर बेरहमी से हत्या कर दी। युवक का शव उसके पलंग के पास खून से लथपथ मिला है। उसके शरीर पर कई जगह गहरे घाव हैं। वारदात देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि किसी रंजिश के चलते आरोपी ने घटना को अंजाम दिया है। पुलिस ने जांच के बाद शव को पीएम के लिए भेज दिया।

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जानकारी के अनुसार ग्वालियर थाना क्षेत्र के चंदन नगर ठाकुर मोहल्ले में रहने वाले अमन उर्फ भरत दीक्षित के घर में घुसकर अज्ञात आरोपी ने उसकी धारदार हथियार से हत्या कर दी। भरत अपनी माँ और भाई के साथ रहता था दोनों की मानसिक स्थिति खराब है। भरत ही भरण पोषण करता था। हत्या की सूचना पर पहुंचे सीएसपी ने घटना स्थल को देखने के बाद फॉरेंसिक टीम को बुलाकर जांच पड़ताल की और शव को पीएम के लिए भेज दिया।पुलिस को शव के पास से एक यूज्ड कंडोम भी मिला है। सीएसपी का कहना है कि हत्या की वजह क्या है फिलहाल कहना मुश्किल है लेकिन पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है। माँ और बेटे की हालत के हिसाब से एक्सपर्ट को बुलाकर उनसे पूछताछ की जायेगी, पड़ोसियों से भी पूछताछ की जा रही है।

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गौरतलब है कि ग्वालियर में एक सप्ताह के अंदर छठवी हत्या ने सनसनी फैला दी है। लोग जिले की कानून व्यवस्था पर उंगलियाँ उठाने लगे है। मुरार में बुधवार को एलेक्ट्रेशियन गणेश शर्मा की हत्या, थाटीपुर थाना क्षेत्र में दोस्त द्वारा दोस्त कैलाश के सिर पर पत्थर पटक कर हत्या, आनंद नगर बहोड़ा पुर थाना क्षेत्र में गुरुवार सुबह घर के बाहर मॉर्निंग वॉक पर निकले जिम संचालक और प्रॉपर्टी डीलर पप्पू राय की गोली मारकर हत्या, इसी दिन शाम को थाटीपुर तृप्ति नगर में घर के झगड़े में भाई द्वारा गोली मारकर हत्या, थाना पिछोर में गोली मारकर किसान रामहेत की हत्या और अब ये घर में घुसकर भरत दीक्षित नामक युवक की हत्या कर बदमाशों ने पुलिस को फिर चुनौती दी है। बड़ी बात ये है कि अधिकांश आरोपी अभी पुलिस पकड़ से दूर हैं।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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