सड़क पर मिला बुजुर्ग का शव, सर्दी से मौत होने की आशंका 

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना।  शहर के कोतवाली थाना (Kotwali thana) क्षेत्र में स्थित हुजरात बैंड मार्केट (Hujrat Band Market) में  मेडिकल स्टोर के सामने एक बुजुर्ग का शव (Dead body) मिलने से सनसनी फ़ैल गई।  क्षेत्रीय लोगों ने पुलिस (Police) को सूचित किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने आसपास के लोगों से शव की पहचान कराने की कोशिश की लेकिन किसी ने मृतक को नहीं पहचाना।  शव को देखकर आशंका जताई जा रही है कि सर्दी लगने से बुजुर्ग की मौत हुई है। यदि ये आशंका सही निकलती है तो ये इस सीजन की सर्दी से पहली मौत होगी। फिलहाल पुलिस ने शव को डेड  हाउस भिजवा दिया है।
ग्वालियर (Gwalior)  में पिछले कुछ दिनों से सर्दी बढ़ गई है। पिछले दो दिनों से शहर की सुबह ठिठुरनभरी हो रही है।  पक्षिमी विक्षोभ के कारण ग्वालियर में सर्दी बढ़ रही है इसके अलावा धूप नहीं निकलने पर भी ठिठुरन बढ़ रही है। न्यूनतम तापमान 9  डिग्री के करीब है , गुरुवार को सुबह जब बैंड मार्केट के आसपास रहने वाले लोग वहां से गुजरे तो उन्हें राज मेडिकल स्टोर के सामने एक बुजुर्ग का शव दिखाई दिया।  पुलिस को क्षेत्र के लोगों ने सूचना दी कि बैंड मार्केट में लावारिस हालत में बुजुर्ग का शव पड़ा है।  सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंच गई। बैंड मार्केट के दुकानदारों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से बुजुर्ग मार्केट में घूम रहा था। वो कहां से आया है किसी को पता नहीं है। पुलिस के मुताबिक वृद्ध की उम्र 75 वर्ष के लगभग है। शव की डॉक्टरी परीक्षण के लिए शव विच्छेदन गृह भिजवा दिया है। मृतक एक पतली सी जैकेट पहने हुए हैं उसके पास पतला  सा कंबल भी है,  दाढ़ी बढ़ी हुई है। उसके सीधे हाथ में बीच की उंगली में लोहे का छल्ला है। उसके हाथों की मुट्ठियां बंधी हुई हैं जिससे आशंका जताई जा रही है कि बुजुर्ग की मौत सर्दी लगने से हुई है।  यदि पीएम रिपोर्ट में ये साबित हो जाता है कि  मौत की वजह सर्दी है तो ये इस सीजन की सर्दी से पहली मौत होगी।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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