चप्पल छोड़ने वाले मंत्रीजी से विभाग के कर्मचारी ही नाराज, प्रदर्शन कर कही यह बात

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। सड़कों की हालात सुधरवाने के लिए चप्पल छोड़ने वाले मंत्री जी इन दिनों बड़े चर्चा में हैं।  चप्पल त्यागने के बाद सड़क पर नंगे पैर घूमने वाले मंत्रीजी की कमरे के अंदर चप्पल पहने तस्वीर वायरल होने के बाद उनकी चर्चा राष्ट्रीय स्तर तक पहुँच गई। लेकिन बड़ी बात ये है कि जिस विभाग के ये मुखिया हैं उसी विभाग के कर्मचारी उनसे नाराज है। सैकड़ों की संख्या में जुटे इन कर्मचारियों ने पहले धरना दिया और फिर मंत्रीजी के सरकारी आवास के बाहर प्रदर्शन किया और अपनी मांग रखी साथ ही चेतावनी भी दी।

आप समझ ही गए होंगे, हम बात कर रहे हैं ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर की। मीडिया की सुर्ख़ियों में बने रहने वाले ऊर्जा मंत्री इन दिनों उनकी विधानसभा की खस्ता हाल सड़कों की हालत सुधरने तक बिना चप्पल के रहने के संकल्प पर हैं।  वे रोज सड़कों का निरीक्षण कर रहे हैं और उनकों जल्दी पूरा करने के लिए निर्देश दे रहे हैं। मंत्री जी का कहना है कि जो परेशानी मेरी जनता झेल रही है उसे मैं भी महसूस कर दूर करना चाहता हूँ , इसलिए ये प्रण लिया है।

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उधर इन सब चर्चा के बीच आज बड़ी संख्या में बिजली कर्मचारी इकट्ठा हुए और धरना प्रदर्शन (Electricity workers protest) किया। मध्य प्रदेश संविदा एवं ठेका श्रमिक कर्मचारी संघ इंटक के आह्वान पर रोशनी घर स्थित बिजली कंपनी मुख्यालय  पर सैंकड़ों की संख्या में जुटे संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों ने आज धरना दिया। धरने में कर्मचारी नेताओं ने सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया।

चप्पल छोड़ने वाले मंत्रीजी से विभाग के कर्मचारी ही नाराज, प्रदर्शन कर कही यह बात

धरना देने के बाद सभी कर्मचारी नारे लगाते हुए ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Energy Minister Pradyuman Singh Tomar) के रेसकोर्स रोड स्थित सरकारी आवास पर पहुंचे और यहाँ प्रदर्शन किया। प्रदर्शन को देखते हुए ऊर्जा मंत्री फिर एक बार अपने चिर परिचित अंदाज में दिखाई दिए।  वे कमर्चारियों के साथ सड़क पर बैठ गए और उनकी समस्याएं सुनीं।  कमर्चारी नेताओं ने ऊर्जा मंत्री को सौंपे  ज्ञापन में 12 सूत्रीय मांगों के साथ 3 प्रमुख मांग रखी।  नेताओं ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाल की जाए, संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जाये और आउटसोर्स कर्मचारियों का संविदा में संविलियन किया जाए।

चप्पल छोड़ने वाले मंत्रीजी से विभाग के कर्मचारी ही नाराज, प्रदर्शन कर कही यह बात

ऊर्जा मंत्री ने ज्ञापन लेने के बाद कहा कि मैंने कर्मचारियों की समस्या सुनी हैं और उसे दूर करने का प्रयास किया जायेगा। ये एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है , एक समस्या आती है उसका निराकरण होता है फिर दूसरी आती है लेकिन हमारी सरकार  संवेदनशील सरकार है, मैं इस विषय में मुख्यमंत्री से बात करूँगा।

उधर वरिष्ठ कर्मचारी नेता एलके दुबे के कहा कि ऊर्जा मंत्री संवेदनशील हैं, अपनी विधानसभा क्षेत्र की बदहाल सड़कों के लिए उन्होंने चप्पल जूते छोड़ रखे हैं, उन्हें अपने क्षेत्र की जनता की फ़िक्र है लेकिन ना जाने क्यों हमारे विषय में कोई निर्णय नहीं हो पा रहा,  मुझे लगता है उनकी बात को नहीं सुना जा रहा है।

उधर मप्र संविदा ठेका कर्मचारी संघ इंटक प्रदेश उपाध्यक्ष विद्याकान्त मिश्रा ने कहा कि हम  अपने विभाग के मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर से पहले भी कई बार निवेदन कर चुके हैं, जूता चप्पल त्यागना अलग बात है लेकिन यदि आपके विभाग के कर्मचारियों ही परेशान हैं तो ऐसी जनसेवा का क्या फायदा?

वहीँ मुरैना से आये एक अन्य कर्मचारी नेता शैलेश गुप्ता ने कहा कि  आपने ग्वालियर की जनता के लिए चप्पल चौड़ी है लेकिन आपको अपने ही विभाग के कर्मचारियों का शोषण दिखाई नहीं देता। यदि आप हमारी मदद करेंगे तभी आपकी सरकार बन पायेगी वर्ना देखा जायेगा।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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