ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Energy Minister Pradyuman Singh Tomar) की विधानसभा में कल जिला प्रशासन द्वारा की गई अतिक्रमण विरोधी (Anti-encroachment campaign in Gwalior) कार्यवाही से स्थानीय लोग नाराज हैं। आज जब ऊर्जा मंत्री उन लोगों के बीच पहुंचे तो लोगों ने जमकर खरी खोटी सुनाई। गुस्साए लोगों को शांत करते हुए मंत्री जी ने कहा कि आपको लगता है कि प्रद्युम्न सिंह निकम्मा है तो मैं इस्तीफा दे दूंगा, आप लोगों को अगर लगता है, तो आप मुझे पत्थर मारिए, जूते मारने है मारिये, लाठी चलाइए जो करना है करिए, लेकिन मैं वही करूंगा, जिसमें आने वाली पीढ़ी और ग्वालियर का भला होगा।
जनसेवक कहलाना पसंद करने वाले और हमेशा जनता के बीच रहकर उनकी परेशानियों को समझकर उनका हल निकालने वाले, जनता के साथ जमीन पर बैठकर खाना खाने वाले, उनकी तकलीफ में चप्पल उतार देने वाले, अपने हाथ से नाले नाली साफ करने वाले ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को आज उसी जनता ने खरी खोटी सुनाई।
ग्वालियर विधानसभा को सबसे बेहतर विधानसभा बनाने में जुटे, विकास और जन सुविधाओं के करोड़ों रुपये के काम कराने वाले ऊर्जा मंत्री एवं क्षेत्रीय विधायक प्रद्युम्न सिंह तोमर को जिला प्रशासन द्वारा की गई तोड़फोड़ भारी पड़ गई। क्षत्रिय जनता ने मंत्री पर जमकर भड़ास निकाली। आज जैसे ही मंत्री प्रभावित लोगों से मिलने किला गेट चौराहे पर पहुंचे वहां मौजूद जनता भड़क गई। मंत्री जी ने जैसे ही कुछ बोलना शुरू किया तो क्षेत्रीय लोगों ने कहा कि आज आ गए कल नहीं आये जब तोड़फोड़ हो रही थी।
अपने ही क्षेत्र की जनता की बातें सुनकर मंत्री प्रद्युम्न सिंह भावुक हो गए उन्होंने कहा अगर आप लोगों को लगता है कि प्रद्युम्न सिंह तोमर निकम्मा है, काम नहीं कर रहा, आप लोगों के साथ अन्याय किया है, तो मैं क्षत्रिय बालक हूँ, आप यहां कहेंगे तो रिजाइन कर अलग हो जाऊंगा कुर्सी से।
उन्होंने कहा कि मुझे तोड़फोड़ पर कुछ नहीं कहना, आपको लाठी चलानी है लाठी चलाइए, आपको पत्थर फेंकने है फेंकिए, जूते मारने है मारिये, लेकिन मैं वही करूंगा, जिसमें आने वाली पीढ़ी और ग्वालियर का भला होगा। मेरी बात सुन लें, यदि नहीं है भरोसा, यदि नेताओं की तरह मुझे भी गिनना चाहते हो तो गिनिए मुझे तकलीफ नहीं होगी।
यह मेरा कोई चुनावी भाषण नहीं है, आपको गाली देनी है दीजिए जो कहना है कहिये। मैंने पहले भी कहा था कि मैं रहूं या नहीं रहूं प्रशासन कार्यवाही करेगा लेकिन आप लोगों ने मेरी बात को कोई तबज्जो नहीं दी। साल डेढ़ साल से काम रुका रहा , प्रशासन ये कहने ;लगा कि आप हमें काम नहीं करने दे रहे हो।
मेरा ये कहना कि आप लोग प्रशासन के साथ बैठकर सहमति बना लें, बीच का रास्ता निकाल लें ये सेवक आपके साथ है मैं बैठने के लिए तैयार हूँ। गौरतलब है कि जिला प्रशासन ने कल 14 नवंबर को किला गेट चौराहे के चौड़ीकरण में बाधक बन रहे 15 से अधिक दुकान और मकान गिरा दिए थे जिसके बाद से क्षेत्रीय लोग आक्रोशित हैं।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....