ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के बंगले को किसानों ने घेरा, मनमाने बिजली बिल वसूली के लगाये आरोप, आंदोलन की दी चेतावनी

किसान सभा के प्रदेश महामंत्री अखिलेश यादव का कहना है कि तत्कालीन शिवराज सरकार ने वादा किया था कि वो फ्लेट रेट से किसानों से बिजली बिल वसूलेगी, 1 अप्रैल 2013 से किसानों को सिंचाई के लिए दी जाने वाली बिजली पर ये योजना चालू की गई जिसमें प्रतिवर्ष 1200 प्रति हार्सपावर दर निर्धारित की गई थी। 

Gwalior News

Gwalior News : ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के ग्वालियर स्थित सरकारी आवास का आज किसानों ने घेराव किया, किसान सभा के नेतृत्व में शहर से लगे पांच  गांवों के किसानों ने भाजपा सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप लगाये और मनमाने बिजली वसूल करने के विरोध में नारेबाजी की, किसान नेताओं ने कहा कि ऊर्जा मंत्री ग्वालियर के हैं फिर भी बिजली विभाग मनमाने बिल भेज रहा है, किसान नेताओं ने समस्या दूर करने के लिए 7 दिन समय देते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है।

पांच गांवों के किसानों ने ऊर्जा मंत्री के बंगले पर किया प्रदर्शन 

मध्य प्रदेश किसान सभा के बैनर तले आज शुक्रवार को नाराज किसानों ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के सरकारी आवास का घेराव किया, ये सबी किसान शहर से लगे गांव गिरवाई, अजयपुर, वीरपुर, हारकोटा सीर बेलदार का पुरा के थे , किसान सभा के प्रदेश महामंत्री अखिलेश यादव का कहना है कि तत्कालीन शिवराज सरकार ने वादा किया था कि वो फ्लेट रेट से किसानों से बिजली बिल वसूलेगी, 1 अप्रैल 2013 से किसानों को सिंचाई के लिए दी जाने वाली बिजली पर ये योजना चालू की गई जिसमें प्रतिवर्ष 1200 प्रति हार्सपावर दर निर्धारित की गई थी।

लाखों रुपये के बिजली बिल बकाया है किसानों पर 

किसानों ने अप्रैल 2013 से 2016 तक बिल जमा भी किये लेकिन मई 2016 से किसानों से मीटर रीडिंग और आंकलित खपत के हिसाब से मनमाने तरीके से बिजली के बिल वसूले जाने लगे जिसके चलते किसानों ने बिल भरना बंद कर दिया जिसका नतीजा किसानों पर लाखों रुपए का विद्युत बिल बकाया है जिसे किसान भरने में असमर्थ हैं।

किसान सभा ने 7 दिन का अल्टीमेटम दिया 

अखिलेश यादव ने कहा कि फ्लेट रेट योजना मध्य प्रदेश में आज भी लागू है। लेकिन ग्वालियर के इन गांवों के किसानों से यूनिट के हिसाब से बिल वसूल किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऊर्जा मंत्री ग्वालियर के ही हैं फिर भी उनका विभाग कुछ गाँव के किसानों के साथ भेदभाव कर रहे हैं उन्होंने कहा कि अभी हम ऊर्जा मंत्री को 7 दिन का अल्टीमेटम देकर जा रहे हैं यदि  किसानों की समस्या का निराकरण नहीं हुआ तो फिर डंडे झंडे के साथ ऊर्जा मंत्री के बंगले के बाहर बड़ा आंदोलन होगा।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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