Gwalior News : ग्वालियर में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने ये साबित कर दिया है कि अभी भी कुछ लोग हैं जो बेटे-बेटी के बीच के अंतर को अपने दिमाग से नहीं निकाल पाए ऐसे लोगों को आज भी बेटे की चाहत है और इसके लिए वे किसी भी हद तक जा सकते हैं।
ताजा मामला ग्वालियर के सिरोल थाना क्षेत्र का है, जहाँ एक पति ने अपनी पत्नी की हत्या इसलिए कर दी कि वो बेटे को जन्म नहीं दे पा रही थी, जानकारी के मुतबिक मुरार के एमएच चौराहा सुतारपुरा निवासी दशरथ पाल की शादी करीब दस साल पहले सृष्टि से हुई थी, इनके दो बेटियों ने पिछले कुछ वर्षों में जन्म लिया लेकिन दशरथ को बेटे की चाहत थी और इनके बीच इस बात को लेकर झगड़ा भी होता था।
पत्नी की पिटाई लगाकर, बंद कर भाग गया पति
दशरथ का एक मकान सिरोल थाना क्षेत्र के हुरावली गणेश डेयरी के पास है। मकान खाली होने की वजह से परिवार के सदस्य सप्ताह में एक बार जाकर साफ-सफाई कर आते हैं। 13 दिसंबर 2023 को दशरथ पत्नी सृष्टि को लेकर घर की सफाई करने के लिए ले गया था। लेकिन कुछ समय बाद छोटे भाई मनीष पाल के मोबाइल पर हुरावली में उनके पड़ोसी पप्पू फौजी ने सूचना दी कि घर पर ताला लगा है। लेकिन अंदर से एक महिला की रोने की आवाज आ रही है।
पड़ोसी की सूचना पर पहुंचे देवर ने भाभी को पहुँचाया अस्पताल
फोन आने पर मनीष मौके पर पहुंचा, घर पर बाहर से लगा ताला उसने तोड़ा और देखा कि अंदर उसकी भाभी सृष्टि बेहोशी की हालत में जमीन पर पड़ी हुई थी। उसके गले पर चोट का निशान था। उसने तत्काल सृष्टि को हॉस्पिटल में भर्ती कराया। लेकिन अगले ही दिन 14 दिसंबर 2023 को इलाज के दौरान सृष्टि की मौत हो गई।
बेटा नहीं होने पर दो बेटी के पिता ने मार दिया पत्नी को
मौत की सूचना पर पुलिस ने शव को निगरानी में लेकर पोस्टमार्टम कराया। साथ ही मर्ग कायम कर जांच शुरू की। 19 दिसंबर 2023 को पुलिस ने इस मामले में शॉर्ट पीएम रिपोर्ट और जांच के दौरान मृतका के भाई अजय कुमार बघेल ने पुलिस को बताया था कि उनकी बहन की शादी को 10 साल हो गए हैं। उसने दो बेटियों को जन्म दिया है। लेकिन बेटा नहीं होने पर उसका पति दशरथ उस बेरहमी से पीटता था। हत्या से तीन दिन पहले भी उसे काफी पीटा था बल्कि उसे मारने के लिए गले में फांसी का फंदा तक डाल दिया था।
आरोपी पति गिरफ्तार, भेजा जेल
पुलिस ने शुरुआती जाँच और पीएम रिपोर्ट के आधार पर हत्या का मामला दर्ज कर आरोपी दशरथ पाल को गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना ने ये साबित कर दिया है कि समाज ने अभी ये पूरी तरह स्वीकार नहीं किया है कि बेटा और बेटी एक समान होते हैं उनके बीच भेदभाव करना ठीक नहीं है और सबसे बड़ी बात संतान बेटा होगा या बेटी इसके लिए महिला को दोष देना तो कतई उचित नहीं है।
ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट