मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बुधवार को खाद वितरण की समीक्षा कर स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि कही भी अव्यवस्था हुई तो इसके लिए जिलों के कलेक्टर उत्तरदायी होंगे, मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अब कलेक्टर्स एक्शन में आ गये हैं, ग्वालियर कलेक्टर ने आज गुरुवार को प्रशासनिक अफसरों को मैदान में उतारा और खाद वितरण केंद्रों के निरीक्षण के निर्देश दिए, कलेक्टर रुचिका चौहान ने निर्देश दिए हैं कि ग्वालियर में खाद वितरण अफसरों की निगरानी में होगा, इसके लिए उन्होंने प्रशासनिक अफसरों की ड्यूटी लगा दी है।
ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान के निर्देश पर आज गुरुवार को अपर कलेक्टर कुमार सत्यम व एसडीएम लश्कर नरेन्द्र बाबू यादव ने लश्कर मंडी में स्थित लक्ष्मीगंज खाद वितरण केन्द्र का निरीक्षण किया। इसी तरह जिले की प्राथमिक सहकारी संस्थाओं व डबल लॉक एवं निजी खाद दुकानों का सभी एसडीएम व अन्य राजस्व अधिकारी सहित राजस्व, कृषि व सहकारिता विभाग के अधिकारी लगातार निरीक्षण कर रहे हैं।
प्रशासनिक अफसरों की निगरानी में खाद वितरण
ग्वालियर शहर में स्थित लश्कर मंडी व पुतलीघर में खाद की दुकानों से किसानों को बारी-बारी से खाद उपलब्ध कराया जा रहा है। जिले की प्राथमिक सहकारी संस्थाओं व डबल लॉक से भी किसानों को बारी-बारी से खाद उपलब्ध कराया जा रहा है। कलेक्टर रुचिका चौहान ने निर्देश दिए हैं कि अब डबल लॉक खाद वितरण केन्द्र लक्ष्मीगंज में जिला प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में खाद का वितरण किया जायेगा।
इन अधिकारियों की कलेक्टर ने लगाई ड्यूटी
कलेक्टर रुचिका चौहान ने लक्ष्मीगंज मंडी में विपणन संघ द्वारा संचालित डबल लॉक खाद वितरण केन्द्र पर किसानों को व्यवस्थित एवं सुचारू रूप से खाद उपलब्ध कराने के लिये जिला प्रशासन के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है। उन्होंने संयुक्त कलेक्टर अनिल बनवारिया को प्रत्येक दिन प्रात: 9 बजे से दोपहर एक बजे तक, प्रभारी डिप्टी कलेक्टर अनिल राघव को दोपहर एक बजे से सायंकाल 6 बजे तक एवं नायब तहसीलदार रत्नेश शर्मा को प्रतिदिन प्रात: 9 बजे से सायंकाल 6 बजे तक लक्ष्मीगंज मंडी खाद वितरण केन्द्र पर उपस्थित रहकर खाद वितरण कराने के निर्देश दिए हैं।
वितरण केंद्र पर शेड और पेयजल की व्यवस्था के निर्देश
कलेक्टर चौहान ने निर्देश दिए हैं कि किसानों को टोकन उपलब्ध कराकर खाद वितरण कराया जाए। साथ ही पीओएस मशीन पर फिंगर प्रिंट लेकर भुगतान करने के लिये अलग-अलग काउण्टर बनवाए जाएं। ऋण पुस्तिका में उल्लेखित भूमि रकबे एवं आधारकार्ड देखकर ही किसानों को खाद वितरित करने के निर्देश दिए गए हैं। वितरण केन्द्र पर छाया एवं पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था करने पर भी उन्होंने बल दिया है।






