पूर्व मंत्री पीसी शर्मा की चुनौती, मैं करवा रहा हूँ गरबा, कोई रोक कर दिखा दे, मोहन भागवत को लेकर कही बड़ी बात

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नेता पीसी शर्मा (Former Minister PC Sharma) ने गरबा डांडिया में प्रवेश को लेकर संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर के बयान (Minister Usha Thakur’s statement) पर पलटवार किया है।  कांग्रेस विधायक ने कहा कि गरबा डांडिया में स्टेज से लेकर पूरा तकनीकी काम अल्पसंख्यक समाज के हाथों में होता है। उन्होंने कहा कि मैं करवा रहा हूँ गरबा,कोई पास नहीं है, दम है तो कोई रोक कर दिखा दे।

ग्वालियर (Gwalior News) पहुंचे वरिष्ठ कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने मीडिया से बात कहा कि मंत्री ऊषा ठाकुर केवल बोलती रहती हैं इनके पास कोई कॉन्सेप्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि गरबा में लाइट, स्टेज से लेकर सभी तकनीकी काम अल्पससंख्यक समाज ही संभालता है। कांग्रेस नेता (MP Congress) ने कहा कि यदि इन लोगों को रोक दिया गया तो गरबा ही बंद हो जायेगा तो क्या गरबा बंद करने का उद्देश्य है?

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पीसी शर्मा ने कहा कि मैं करा रहा हूँ भोपाल में गरबा, इसके लिए कोई पास नहीं है ओपन है ये, रोक कर दिखा दें मंत्री ऊषा ठाकुर। उन्होंने कहा कि महंगाई, बेरोजगारी से जनता का ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के बयान भाजपा के नेता देते हैं।

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RSS के सरसंघ चालक डॉ मोहन भागवत (RSS chief Dr. Mohan Bhagwat) को भारत जोड़ो यात्रा में शामिल करने की कांग्रेस की मांग के सवाल का जवाब देते हुए पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि अभी मोहन भागवत का नया बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने राहुल गाँधी की पदयात्रा की तारीफ की है और कहा है कि इसे हलके में ना लिया जाये। तो सन्देश तो पहुंच ही गया है RSS और भाजपा तक।

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उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का जो उद्देश्य है वो जनता को महंगाई, बेरोजगारी की परेशानी से मुक्ति दिलाना लेकिन भाजपा मुद्दों से भटकाना चाहती है। इसलिए राहुल गांधी जनता से सीधा संवाद कर रहे है, ये भारत जोड़ो यात्रा है यदि इसमें कोई जुड़ना नहीं चाहता तो इसका सीधा मतलब है कि वो भारत को जोड़ना नहीं चाहता।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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