नहीं कोई कानून का भय, MP में फिर सामने आया ट्रिपल तलाक का मामला, भटक रही पत्नी

जब मुबीना ने पूछा कि तलाक लिए बिना उसने दूसरी शादी कैसे कर ली तो सुल्तान खान ने उसे मौके पर ही तीन बार तलाक तलाक तलाक बोलकर अपने परिवार के सदस्यों के सामने ही भगा दिया।

Atul Saxena
Published on -
triple talaq

MP News : तीन तलाक पर कानून बन जाने के बाद ऐसे मामलों में कुछ हद तक कमी तो आई है लेकिन अभी भी कुछ लोग हैं जिन्हें कानून का कोई भय नहीं है, वे भारत के कानून का खुले आम उल्लंघन कर अपनी सामाजिक कुरीतियों कओ सही मानकर उसमें ही बंधे हुए हैं बड़ी बात ये है उनके परिजन भी उसमें उनका साथ दे रहे है

ग्वालियर एसपी ऑफिस की जन सुनवाई में आज एक मुस्लिम पीड़िता पहुंची जिसने बताया कि उसके पति ने उसे एक ही बार में मुंह से तीन बार तलक बोलकर तलाक दे दिया है, पीड़ित महिला ने मीडिया को बताया कि उसने महिला थाने में शिकायत भी की लेकिन पुलिस ने उसकी कोई मदद नहीं की इसलिए वो एसपी के पास आई है।

दहेज़ के लिए किया प्रताड़ित, मामला न्यायालय में  

पीड़ित महिला मुबीना ने बताया कि उसकी शादी सुल्तान खान से 2018 में हुई थी। शादी के बाद से पति दहेज के लिए प्रताड़ित करता था। करीब एक साल साथ रहने के बाद वह अपने मायके आकर रहने लगी थी। इस बीच उसे एक बच्चा भी हुआ लेकिन बीमारी के चलते वो रहा नहीं। मुबीना ने अपने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा का मुकदमा दर्ज कराया। यह प्रकरण अभी भी न्यायालय में विचाराधीन है।

दूसरी शादी कर ली, पत्नी ने विरोध किया तो दे दिया ट्रिपल तलाक 

उसने कहा कि इसी बीच पता चला कि उसके पति ने दूसरी शादी कर ली है तो वह 9 जुलाई को अपनी ससुराल पान पत्ते की गोठ पहुंची। जब मुबीना ने पूछा कि तलाक लिए बिना उसने दूसरी शादी कैसे कर ली तो सुल्तान खान ने उसे मौके पर ही तीन बार तलाक तलाक तलाक बोलकर अपने परिवार के सदस्यों के सामने ही भगा दिया।

पुलिस ने दिया कार्रवाई का भरोसा 

पुलिस अधिकारियों ने मुबीना का शिकायती आवेदन लेने के बाद उसे भरोसा दिया कि पुलिस आपकी बिलकुल मदद करेगी, क़ानूनी रूप से अब कोई ट्रिपल तलाक नहीं दे सकता डीएसपी किरण अहिरवार ने कहा कि हमने इस मामले में महिला थाने को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News