ग्वालियर कलेक्टर के निर्देश 7 दिन तक संचालित रहें राहत शिविर, किसानों से अपील 72 घंटे में फसल नुकसान की सूचना पोर्टल पर दर्ज कराएं

कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए कि बरसात बंद होने व जल भराव वाले क्षेत्रों से पानी उतरने के बाद वर्षा जनित बीमारियों की संभावना विशेष रूप से बढ़ जाती है। इसलिए वर्षा प्रभावित क्षेत्रों में अभियान बतौर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर दवाएँ वितरित करें।

Atul Saxena
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Gwalior Collector meeting
Gwalior News : ग्वालियर में हुई 36 घंटे से अधिक लगातार बारिश ने जिले के हालात विषम कर दिए हैं, शहर से लेकर गांव तक बहुत से इलाके जलमग्न हो गए, निचले इलाके डूब में आ गए, घरों में पानी भर गया, कई जगह पुल पुलिया, तालाब क्षतिग्रस्त हो गए, जौरासी घाटी पर पहाड़ी का हिस्सा सड़क पर आ गिरा, बहुत से ग्रामीण पानी में फंस गए, लेकिन जिला प्रशासन ने पुलिस, सेना, एसडीआरएफ और सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से सबकुछ संभाल लिया, लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया, राहत शिविरों में उन्हें जगह दी गई, जहाँ प्रशासन के अधिकारी उन्हें जरूरी सुविधाएँ मुहैया करा रहे हैं।
कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने आज जिले के हालात की समीक्षा करते हुए जिले के सभी एसडीएम  और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि अतिवर्षा से प्रभावित लोगों के लिए स्थापित किए गए राहत शिविर अगले एक हफ्ते तक संचालित रखें। सभी शिविरों में खाद्यान्न, पेयजल, रोशनी व दवाईयों की पुख्ता व्यवस्था रहे। ऐसे लोग जिनके घर कच्चे और कमजोर हैं उन्हें समझाएँ कि अभी कुछ दिन राहत शिविरों में ही रहें।

जिनके घरों में पानी भरा उन्हें खाद्यान्न उपलब्ध कराने के निर्देश 

कलेक्टर श्रीमती चौहान ने निर्देश दिए कि जिन परिवारों के घरों में बरसात का पानी भरने से घर को नुकसान पहुँचा है और वे राहत शिविरों अथवा अपने रिश्तेदारों के घर चले गए हैं, ऐसे सभी परिवारों को शासन के प्रावधानों के तहत 40 किलोग्राम गेहूँ व 10 किलोग्राम चावल के मान से खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने अतिवर्षा से प्रभावित लोगों को शासन की ओर से राहत राशि उपलब्ध कराने के साथ-साथ उनके पुनर्वास में स्थानीय व्यापारिक संगठनों व सुविधा सम्पन्न सेवाभावी नागरिकों का सहयोग लेने के लिये भी कहा।

वर्षा जनित बीमारियों से बचाव के लिए विशेष अभियान चलाएं 

कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए कि बरसात बंद होने व जल भराव वाले क्षेत्रों से पानी उतरने के बाद वर्षा जनित बीमारियों की संभावना विशेष रूप से बढ़ जाती है। इसलिए वर्षा प्रभावित क्षेत्रों में अभियान बतौर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर दवाएँ वितरित करें। मैदानी स्तर पर दवाओं का पर्याप्त भण्डारण कराएँ और विभाग के अमले को गंभीरता के साथ लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिये निर्देशित करें। राहत शिविरों में रह रहे सभी लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण नियमित रूप से करने के निर्देश भी उन्होंने दिए।

जल स्त्रोतों के क्लोरीनीकरण का काम युद्ध स्तर पर करें 

कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने अतिवर्षा से प्रभावित क्षेत्रों के शुद्धिकरण पर विशेष बल दिया। उन्होंने पीएचई के कार्यपालन यंत्री को निर्देश दिए कि नल-जल योजनाओं की टंकियों व हैंडपंप सहित अन्य जल स्त्रोतों के क्लोरीनीकरण के लिए विभागीय उपयंत्रियों व टेक्नीशियन की ड्यूटी क्षेत्र बाँटकर लगाएँ। साथ ही इस कार्य की सतत मॉनीटरिंग की जाए।

सड़क, बिजली के पोल व तारों की मरम्मत का काम तेजी से कराएँ 

कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने अतिवर्षा और जल भराव की वजह से क्षतिग्रस्त हुईं सड़कों की मरम्मत का काम व बिजली पोल व तारों को दुरुस्त करने का काम अभियान बतौर करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण से कहा कि जो सड़कें धंस गईं हैं और उनकी तत्काल मरम्मत संभव नहीं है वहाँ अवरोध लगाएँ। साथ ही लोगों को सचेत करने के लिये श्रृंखलाबद्ध शाइन बोर्ड लगाकर यह प्रदर्शित कराएँ कि सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त होने से बंद है, जिससे दुर्घटना की संभावना न रहे।

क्षतिग्रस्त नहरों व जलाशयों को भी युद्ध स्तर पर दुरुस्त कराने पर जोर 

अतिवृष्टि की वजह से क्षतिग्रस्त हुईं नहरों और जलाशयों को युद्ध स्तर पर ठीक कराने के निर्देश कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि इस काम पर संबंधित एसडीएम भी नजर रखें।

शहर की बस्तियों में जल निकासी के अवरोध हटाएं 

कलेक्टर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि पिछले दिनों हुई बरसात के दौरान शहर की जिन बस्तियों में विभिन्न अवरोधों के कारण जल भराव की स्थिति निर्मित हुई है वहाँ विशेष ध्यान दें। ऐसी सभी बस्तियों में जल अवरोधों को मशीनों से हटवाएं, जिससे पानी की निकासी होती रहे। इस काम में ढ़िलाई न हो।

अतिवर्षा से हुए नुकसान के सर्वे का काम लगभग पूर्ण 

जिले में बीते दिनों हुई भारी बारिश से हुए नुकसान के सर्वे का काम लगभग पूर्ण हो चुका है। कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को एक बार फिर से परीक्षण कर सर्वे सूची को अंतिम रूप देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि यह काम तत्परता से पूर्ण करें, जिससे प्रभावित लोगों के खाते में राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के तहत राहत राशि पहुँचाई जा सके।

4 लोगों ने गंवाई जान, परिवार के लिए  4-4 लाख रुपये आर्थिक सहायता की घोषणा 

कलेक्टर श्रीमती चौहान ने बताया कि प्रारंभिक सर्वे के अनुसार अतिवर्षा व जल भराव के कारण जिले में 4 लोगों की मृत्यु हुई है। इन सभी के परिजनों के लिये मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा के पालन में 4 – 4 लाख रूपए की राहत राशि स्वीकृत कर दी गई है। उन्होंने बताया कि सर्वे के अनुसार जिले में भैंस व गाय जैसे 75 बड़े पशुओं और बछड़ा, बकरी व पड़ा इत्यादि कुल मिलाकर 113 छोटे पशुओं की मृत्यु भी हुई है। इन पशुओं के मालिकों को राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के तहत राहत राशि उपलब्ध कराई जायेगी।

अतिवर्षा से 1244 पक्के और कच्चे मकानों को नुकसान 

कलेक्टर श्रीमती चौहान ने बताया कि प्रारंभिक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार अति वर्षा से जिले में पक्के 16 मकान पूर्णत: व 204 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा 189 कच्चे मकानों को पूर्ण और 835 कच्चे मकानों को आंशिक नुकसान पहुँचा है। इसी तरह 952 झोंपड़ियों को पूर्ण व 74 झोंपड़ियों को आंशिक नुकसान पहुँचा है। घरेलू सामान को हुई क्षति का सही-सही आंकलन पूर्णत: पानी उतरने के बाद संभव हो सकेगा।

वर्तमान में 24 राहत शिविर संचालित

जिले के अतिवर्षा व जल भराव वाले क्षेत्रों में वर्तमान में 24 राहत शिविर संचालित किए जा रहे हैं। इन शिविरों में लगभग 589 लोगों को आश्रय दिया गया है। शिविरों में पर्याप्त संख्या में खाद्यान्न व दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। बरसात बंद होने एवं पानी उतरने की वजह से शिविरों से लोगों ने घरों को लौटना भी शुरू कर दिया है। जिला प्रशासन द्वारा लोगों को समझाया जा रहा है कि वे अभी अपने घर जाने की जल्दी न करें।

जिले में रेस्क्यू ऑपरेशन पूर्ण 

पिछले दिनों हुई भारी वर्षा की वजह से पानी के बीच फँसे सभी लोगों को जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षित रूप से निकालने का काम पूर्ण कर लिया गया है। साथ ही रेस्क्यू का काम पूर्ण हो चुका है। बचाव कार्य में जिला प्रशासन, जिला पंचायत, जनपद पंचायत, खाद्य, बिजली एवं अन्य विभागों की संयुक्त टीमों के साथ-साथ थल सेना व एसडीआरएफ का भी विशेष सहयोग रहा है।

किसान भाई 72 घंटे के भीतर फसल नुकसान की सूचना दर्ज कराएं 

प्रशासन ने अपील की है कि जिन किसानों ने अपनी फसल का बीमा कराया है उन सभी से फसल नुकसान की सूचना 72 घंटे के भीतर “कृषि रक्षक पोर्टल” पर दें। किसान भाई हेल्पलाइन नम्बर 14447 पर भी 72 घंटे के भीतर फसल नुकसान की सूचना दर्ज करा सकते हैं। उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास आर एस शाक्यवार ने बताया कि जिले में हुई अतिवृष्टि से खेतों में जल भराव होने से जिन किसानों की फसलों को नुकसान पहुँचा है, ऐसे समस्त बीमित किसान भारत सरकार के “कृषि रक्षक पोर्टल” pmfby.gov.in पर अथवा हेल्पलाइन नंबर 14447 पर 72 घंटे के अंदर अपनी फसल के नुकसान की शिकायत अवश्य दर्ज कराएं। फसल नुकसान की शिकायत दर्ज करने के लिए किसानों को बीमा से संबंधित जानकारी व दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे। शिकायत दर्ज होने के बाद कृषक को रिफ्रेंस नम्बर प्राप्त होगा, जिसके माध्यम से किसान अपनी दर्ज की गई शिकायत का फॉलोअप भी ले सकते हैं।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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