रायशुमारी के दौरान कांग्रेस जिला अध्यक्ष बिफरे, बैठक को बीच में छोड़कर बाहर निकले

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। कांग्रेस (Gwalior Congress) की बैठक के दौरान आज उस समय अप्रत्याशित स्थिति बन गई जब जिला अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा बैठक के बीच से कमरे के बाहर निकल गये। बताया जा रहा है कि जिस समय ये घटनाक्रम हुआ उस समय पूर्व मंत्री मुकेश नायक महापौर पद के दावेदारों के नामों पर चर्चा कर रहे थे। चर्चा के दौरान विधायक डॉ सतीश सिंह सिकरवार की पत्नी के नाम पर मुहर लगती देख जिला अध्यक्ष बिफर गए और कमरे से बाहर निकल गए। बाद में काफी मनौअल के बाद वे बैठक में वापस लौटे।

रायशुमारी के दौरान कांग्रेस जिला अध्यक्ष बिफरे, बैठक को बीच में छोड़कर बाहर निकले

नगरीय निकाय चुनावों  (MP Urban Body Election 2022) के लिए मजबूत उम्मीदवार तलाश करने पूर्व मंत्री मुकेश नायक रविवार को ग्वालियर (Gwalior News) आये। उन्होंने पार्टी कार्यालय में तमाम नेताओं से मुलाकात की। सैंकड़ों की संख्या में उनके पास पार्षद पर के दावेदारों के बायोडेटा आये। कांग्रेस कार्यालय में नेताओं और दावेदारों की भारी भीड़ थी।

एक बंद कमरे में मुकेश नायक विधायक प्रवीण पाठक, विधायक लाखन सिंह, पूर्व मंत्री बालेंदु शुक्ला, पूर्व मंत्री भगवान  सिंह यादव और जिला अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा के साथ रायशुमारी कर रहे थे। इसी दौरान महापौर पद के नामों पर चर्चा शुरू हुई। सूत्र बताते हैं कि महिला जिला अध्यक्ष मीनू परिहार ने AICC मेंबर रश्मि पवार शर्मा का नाम लिया जिस पर वरिष्ठ नेता चंद्रमोहन नागौरी ने सहमति जताई।

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विधायक लाखन सिंह ने कहा रश्मि लड़ना ही नहीं चाहती, सतीश सिकरवार की पत्नी जीत सकती है उनका नाम तय कर दिया जाये, इतना सुनते ही जिला अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा ने कहा कि अभी नाम कैसे तय कर लो, मेरी पत्नी रीमा शर्मा भी दावेदार है, और भी हैं, पहले कार्यकर्ताओं से बात तो कर लो, जो निर्णय कार्यकर्ता लेंगे वो फाइनल होगा।

विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि इस बात पर जिला अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा और विधायक सतीश सिंह सिकरवार के बीच में हॉट टॉक भी हुई, सतीश सिकरवार ने कहा मुझे नहीं लड़ना चुनाव, पार्टी ही मेरे पीछे पड़ी है, इसी गहमा गहमी के बीच जिला अध्यक्ष ने इस्तीफे तक की चेतावनी दे दी और बैठक से बाहर निकल आये।

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बाद में विधायक प्रवीण पाठक उन्हें मनाकर बैठक में वापस लाये। सूत्र बताते हैं कि अन्य वरिष्ठ नेताओं के हस्तक्षेप के चलते दोनों नेताओं में सुलह हो गई , हालांकि इस घटनाक्रम को किसी ने आधिकारिक रूप से स्वीकार नहीं किया लेकिन जिला अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा ने कहा कि थोपा हुआ कोई भी प्रत्याशी स्वीकार नहीं किया जायेगा।

इस मुद्दे पर बैठक ले रहे पूर्व मंत्री मुकेश नायक ने कहा कि किसी बात पर सहमति – असहमति होना लोकशाही का हिस्सा है। आपको बता दें कि महापौर पद के लिए सिंगल नाम का पैनल पीसीसी के पास जाना है। विधायक प्रवीण पाठक ने कहा कि प्रदेश में पार्टी के सबसे सबसे विनम्र, सहज और सुलभ जिला अध्यक्ष कोई है तो वो ग्वालियर जिला अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा है। उन्होंने कहा कि नाराजी की कोई बात नहीं है ये जनश्रुति है इसपर ध्यान देने की जरुरत नहीं है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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