नगर निगम क्लर्क ने राजीव आवास योजना में किया फर्जीवाड़ा, 14 लोगों के साथ की 42 लाख की धोखाधड़ी

निगम अफसरों को जब ये पता चला कि उनके यहाँ पदस्थ क्लर्क ने 3-3 लाख रुपये लेकर फर्जी दस्तावेज थामकर फ़्लैट आवंटित किये है तो उन्होंने इसपर नाराजगी जताई और क्लर्क उदयराज मैना के खिलाफ विश्वविद्यालय थाने में शिकायत दर्ज कराई, एसपी राजेश सिंह चंदेल का कहना है कि कर्मचारी के खिलाफ  42 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है, जल्दी ही उससे पूछताछ की जाएगी।

Fraud

Gwalior News :  ग्वालियर में आये दिन हो रही धोखाधड़ी की शिकायतों में शासकीय सेवकों के नाम भी सामने आने लगे हैं, पिछले दिनों एसपी ऑफिस में पदस्थ एक क्लर्क (आरक्षक) अरविंद भदौरिया द्वारा करीब 71 लाख रुपये के घोटाले की बात सामने आई थी अब ग्वालियर नगर निगम में पदस्थ एक क्लर्क उदयराज मैना का घोटाला उजागर हुआ है, पुलिस ने मामला दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है।

केंद्र की सरकारें गरीबों और निम्न आय वर्ग के लोगों को रहने के लिए छत देते हैं इसके लिए राजीव आवास योजना , पीएम आवास योजना जैसी योजनायें संचालित हैं लेकिन इन आवासों पर भी सरकारी कर्मचारियों की नजर टिक गई है , ग्वालियर नगर निगम कार्यालय में पदस्थ एक क्लर्क ने राजीव आवास योजना में बने घरों को बिना आवंटन हुए पैसे लेकर फर्जी तरीके से पहुंचा दिया लेकिन जब उनसे घर खाली करवाए गए तो घोटाला उजागर हुआ।

नगर निगम क्लर्क ने किया राजीव आवास योजना में 42 लाख का घोटाला 

दरअसल ग्वालियर के विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के महलगांव में राजीव आवास योजना के सरकारी आवास बने हैं, जिन्होंने इसके लिए राशि जमा की थी वे आवंटन के इन्तजार में थे, इसी बीच नगर निगम में पदस्थ क्लर्क उदयराज मैना को भनक लगी तो उसने 14 लोगों से संपर्क किया और उनसे 3-3 लाख रुपये दिए और फर्जी डोक्टयुमेन्ट्स बनाकर उन्हें चाबी दे दी।

अधूरी मल्टी में रहने भेज दिया लोगों को  

फ़्लैट की चाबी मिलने के बाद बहुत से लोग वहां रहने भी पहुंच गए जबकि अभी मल्टी का काम पूरा भी नहीं हुआ था , नगर निगम के आला अधिकारियों तक जब ये मामला पहुंचा तो उन्होंने महलगांव जाकर वहां रह रहे लोगों को बताया कि नगर निगम ने किसी तरह का आवंटन नहीं किया है आप लोग गैरकानूनी तरीके से रह रहे हैं, निगम अफसरों ने इन लोगों को यहाँ से बेदखल कर दिया।

निगम अफसरों की शिकायत पर क्लर्क के खिलाफ मुकदमा दर्ज 

निगम अफसरों को जब ये पता चला कि उनके यहाँ पदस्थ क्लर्क ने 3-3 लाख रुपये लेकर फर्जी दस्तावेज थामकर फ़्लैट आवंटित किये है तो उन्होंने इसपर नाराजगी जताई और क्लर्क उदयराज मैना के खिलाफ विश्वविद्यालय थाने में शिकायत दर्ज कराई, एसपी राजेश सिंह चंदेल का कहना है कि कर्मचारी के खिलाफ  42 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है, जल्दी ही उससे पूछताछ की जाएगी।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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