ग्वालियर नगर निगम आयुक्त ने दो वरिष्ठ अधिकारियों के विरुद्ध नुशासनात्मक कार्यवाही करने के लिए राज्य शासन को पत्र लिखा है, ये एक्शन मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ की नाराजगी के बाद लिया गया है।
ग्वालियर नगर निगम कमिश्नर संघ प्रिय ने प्रभारी उपायुक्त स्वास्थ्य अमर सत्य गुप्ता एवं कार्यपालन यंत्री जल प्रदाय पीएचई संजीव गुप्ता के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास संचालनालय मध्य प्रदेश भोपाल को पत्र लिखा है।
प्रभारी उपायुक्त पर कार्यवाही के लिए शासन को पत्र
नगर निगम कमिश्नर द्वारा जारी पत्र के अनुसार प्रभारी उपायुक्त स्वास्थ्य अमर सत्य गुप्ता को नगर निगम सीमांतर्गत साफ सफाई एवं कचरे का पृथक्कीकरण का कार्य एवं साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट से संबंधित कार्य सौंपे गए हैं किंतु इन कार्यों के संबंध में कोई भी सुधार दिखाई नहीं दे रहा हैं। उनके द्वारा अपने दायित्वों के प्रति निरंतर उदासीनता बरती जा रही है।
ग्वालियर HC ने जताई है नाराजगी
पत्र में कमिश्नर ने लिखा, साफ सफाई एवं साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट से संबंधित कार्यों में लापरवाही बरती जाने से उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में प्रचलित रिट याचिका में उच्च न्यायालय द्वारा नाराजगी व्यक्त करते हुए लापरवाही करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिए गए है।
कारण बताओ नोटिस का जवाब संतोषजनक नहीं
पत्र में कहा गया है कि साफ सफाई, कचरे का पृथक्कीकरण का कार्य एवं साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट से संबंधित कार्य में उदासीनता बरती जाने पर उपायुक्त गुप्ता को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था। लेकिन उनके द्वारा प्रस्तुत स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं है इसलिए प्रभारी उपायुक्त गुप्ता के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाये ।
रोड रेस्टोरेशन, सीएम हेल्पलाइन में उदासीनता
कमिश्नर ने कार्यपालन यंत्री संजीव गुप्ता के विषय में लिखा कि गुप्ता द्वारा नगर निगम सीमा में पीएचई विभाग में कार्य संपादित किया जा रहा है। शहर में सीवर संधारण, पेयजल सप्लाई वं जलप्रदाय विभाग द्वारा खोदी गई सड़कों का रोड रेस्टोरेशन के कार्य में निरंतर उदासीनता बरती जा रही है। कार्य में उदासीनता बरती जाने से शहर में निरंतर सीवर, पेयजल की समस्या बनी रहती है। जिस कारण स्थानीय लोगों द्वारा सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की जाती है।
चेतावनी के बाद भी नहीं आया सुधार
कमिश्नर ने लिखा, सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का भी निराकरण संजीव गुप्ता द्वारा भी रुचि लेकर नहीं किया जा रहा है, जिस कारण नगर निगम की सीएम हेल्पलाइन की ग्रेडिंग भी प्रभावित होती है। सीवर संधारण, पेयजल सप्लाई एवं सीएम हेल्पलाइन के कार्य में उदासीनता बरती जाने पर कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया तथा चेतावनी पत्र भी जारी किया गया था, परंतु उसके बाद भी कार्य में कोई सुधार नहीं किया गया। अतः कार्यपालन यंत्री संजीव गुप्ता के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए।
नगर निगम के गलियारों में हड़कंप
दो बड़े अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए शासन को लिखे गए पत्र के बाद से नगर निगम के गलियारों में हड़कंप मचा हुआ है, अपने कार्यों के प्रति गंभीर नहीं रहने वाले अधिकारी और कर्मचारी परेशान हैं उन्हें डर है कि कहीं अगला नम्बर उनका ही नहीं हो ?





