MP Breaking News
Sun, Dec 21, 2025

गड्ढे में ग्वालियर? जिस सड़क से गुज़रे प्रभारी मंत्री सिलावट कुछ देर बाद वो धंसी, क्या इसके लिए सिर्फ छोटे अधिकारी जिम्मेदार?

Written by:Atul Saxena
Published:
Last Updated:
पटेल नगर की सड़क का धसकना कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले चेतकपुरी से महल तक जाने वाली सड़क 15 दिन में ही कई बार कई जगह से धंसक गई इसमें सुरंगनुमा बड़े बड़े गड्ढे हो गए जिसके चलते ग्वालियर देशभर में बदनाम हो रहा है। नगर निगम आयुक्त संघ प्रिय ने सड़क निर्माण में लापरवाही बरतने वाले प्रभारी कार्यपालन यंत्री पीआईयू नगर निगम पवन सिंघल एवं प्रभारी कार्यपालन यंत्री सुरेश अहिरवार को मंत्री की नाराजगी के बाद निलंबित कर दिया है।
गड्ढे में ग्वालियर? जिस सड़क से गुज़रे प्रभारी मंत्री सिलावट कुछ देर बाद वो धंसी, क्या इसके लिए सिर्फ छोटे अधिकारी जिम्मेदार?

अपनी विरासत और वैभव के लिए पहचाने जाने वाला ग्वालियर इन दिनों नाकरा और लापरवाह अफसरों एवं ठेकेदारों की वजह से पूरे देश में बदनाम हो रहा है, यहाँ दो-दो मंत्री, प्रभारी मंत्री और भाजपा के बड़े बड़े नेताओं की मौजूदगी के बावजूद ये रियासतकालीन शहर आज गड्ढों में तब्दील होता जा रहा है, खास बात ये है कि इस मानसून में हालत ये हो गए हैं कि समझ ही नहीं आता कि शहर में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क।

पिछले दिनों शहर में कई नई सड़के बनीं, शासन से करोड़ों रुपये मंजूर हुए लेकिन ये पैसा पहली ही बारिश में बह गया, यानि नई बनी सड़कें पहली ही बारिश नहीं झेल पाई, जहाँ देखों वहां सड़क धंसने की ख़बरें सामने आ रही है, ख़बरें ग्वालियर से निकलकर राजधानी भोपाल और फिर दिल्ली तक पहुंची राष्ट्रीय अख़बारों और न्यूज़ चैनलों पर ग्वालियर की बदनामी होती देख जिले के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट आज ग्वालियर के दो दिनी दौरे पर आये और उन्होंने कुछ सड़कों का निरीक्षण किया और अफसरों को निर्देश दिए लेकिन मजेदार बात ये है पटेल नगर में बनी नई सड़क मंत्री के निकलने के कुछ समय बाद ही धंसक गई यहाँ एक बड़ा सा गड्ढा हो गया।

आपको बता दें कि ग्वालियर की सड़कें हर बारिश में ख़राब होती हैं और गड्ढों को भरने में पेच रिपेयरिंग में लाखों रुपये खर्च किये जाते हैं लेकिन इस बार हालात बहुत ज्यादा ख़राब हैं, जितनी भी डामर की सड़कें हाल ही में बनकर तैयार हुई अधिकांश के अलग अलग जगह धसंकने की ख़बरें आ रही है, ईश्वर की कृपा है कि सड़क धसकने के चलते अब तक सब ठीकठाक है कोई घटना नहीं हुई।

मोटरसाइकिल पर निकले दोनों मंत्री, सड़कों का हाल देखा    

बहरहाल आज प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट ने ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर व भाजपा जिला अध्यक्ष जयप्रकाश राजौरिया के साथ शहर का भ्रमण कर विभिन्न सड़कों का निरीक्षण किया। दोनों मंत्री मोटरसाइकिल पर बैठक र्निक्ले जिससे सड़कों का हाल नजदीक से देखा जा सके। उन्होंने सिटी सेंटर क्षेत्र के पटेल नगर मार्ग व एयरटेल ऑफिस होते हुए एमपी आईआईडीसी होते हुए बीएसएनएल कार्यालय की ओर वाली सड़क का जायजा लिया। इस अवसर पर नगर निगम आयुक्त श्री संघ प्रिय ने जानकारी दी कि एयरटेल ऑफिस की ओर से जाने वाली सड़क के निर्माण के लिये लगभग डेढ़ करोड़ रुपये का टेंडर हो चुका है। बरसात के बाद सड़क का काम शुरू कराया जायेगा।

ख़राब हुई सड़कों को तत्काल सुधारने के निर्देश 

इन सड़कों के अलावा दोनों मंत्रियों ने न्यू पड़ाव पुल से सिंधिया स्कूल, मोतीमहल, जयेन्द्रगंज, ऊँटपुल, नई सड़क, बाड़ा, सराफा, गश्त का ताजिया व राम मंदिर सड़क मार्ग सहित शहर की अन्य सड़कें भी देखीं। सिलावट ने मौके पर मौजूद नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि बरसात की वजह से जहाँ-जहाँ ये सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं उन सभी की मरम्मत तत्परता से कराएं।

प्रभारी मंत्री ने शासन से मांगे 50 करोड़ रुपये, प्रस्ताव भेजने के निर्देश 

प्रभारी मंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक भी की और शहर की सड़कों की हालत देखकर नगरीय विकास एवं प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को फोन लगाकर ग्वालियर की सड़कों के लिये 50 करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध कराने के लिये कहा।  सिलावट ने भरोसा दिलाते हुए कहा कि शहर की सड़कों के लिये धन की कमी नहीं आने दी जायेगी। इस संबंध में वे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से भी चर्चा करेंगे। उन्होंने बजट की मांग के लिये तत्काल नगरीय प्रशासन विभाग को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान, नगर निगम आयुक्त संघ प्रिय व राज्य सड़क विकास प्राधिकरण एवं लोक निर्माण विभाग के अधिकारी मौजूद थे।

मंत्री के निर्देश सड़कों की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता न हो

प्रभारी मंत्री सिलावट ने नगर निगम आयुक्त को निर्देश दिए कि शहर की सड़कों के मरम्मत कार्य की प्रतिदिन की प्रगति रिपोर्ट फोटोग्राफ सहित उनके पास भेजी जाये। मंत्री ने कहा कि सड़कों की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता न हो। यदि गुणवत्ता में कमी पाई गई तो दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। बरसात की वजह से शहर की जिन बस्तियों में जल भराव होता है वहाँ से पानी की निकासी की पुख्ता व्यवस्था की जाये।