Gwalior News : पेंशनर्स के लिए अच्छी खबर, 21 और 22 मई को विशेष शिविर में होगा लंबित प्रकरणों का निपटारा

संभागीय पेंशन अधिकारी ने विभिन्न विभागों के कार्यालय प्रमुखों को पत्र लिखकर कहा है कि वे अपने विभाग के शासकीय सेवकों के पेंशन प्रकरण विभागीय लिपिक के माध्यम से इस शिविर में अवश्य भेजें। यदि किसी पेंशन प्रकरण में कोई तकनीकी रुकावट हो तो कार्यालय प्रमुख इस संबंध में संयुक्त संचालक पेंशन से अवश्य चर्चा करें।

Atul Saxena
Published on -
Pension

Gwalior News : जीवन के कई साल शासकीय सेवा में देने वाले सरकारी कर्मचारियों को रिटायर हो जाने के बाद अपने पेंशन प्रकरणों के निपटारे के लिए दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं जो उन्हें बहुत परेशान करता है, पेंशनर्स की इसी परेशानी को देखते हुए ग्वालियर जिला प्रशासन ने 21 और 22 मई को दो दिवसीय शिविर लगाने के निर्णय लिया है जिसमें पेंशन प्रकरणों का निपटारा किया जायेगा।

30 अप्रैल तक रिटायर कर्मचारियों के प्रकरणों का होगा निपटारा 

जनसंपर्क कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक सेवानिवृत शासकीय सेवकों के लंबित पेंशन प्रकरणों के निराकरण के लिए मोतीमहल स्थित संभागीय पेंशन कार्यालय में 21 व 22 मई को विशेष शिविर आयोजित होगा। इन तिथियों में दोपहर 12 बजे से सायंकाल 6 बजे तक यह शिविर लगेगा। सभी विभागों के अधिकारियों से इस शिविर के माध्यम से अपने विभाग के सेवानिवृत शासकीय सेवकों के पेंशन प्रकरण निराकृत कराने के लिये कहा गया है। गत 30 अप्रैल 2024 तक सेवानिवृत शासकीय सेवकों के पेंशन प्रकरणों का निराकरण शिविर में किया जायेगा।

सभी विभागों से पेंशन प्रकरण अविलम्ब भेजने के निर्देश  

संभागीय पेंशन अधिकारी ने विभिन्न विभागों के कार्यालय प्रमुखों को पत्र लिखकर कहा है कि वे अपने विभाग के शासकीय सेवकों के पेंशन प्रकरण विभागीय लिपिक के माध्यम से इस शिविर में अवश्य भेजें। यदि किसी पेंशन प्रकरण में कोई तकनीकी रुकावट हो तो कार्यालय प्रमुख इस संबंध में संयुक्त संचालक पेंशन से अवश्य चर्चा करें। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यदि इस शिविर में पेंशन प्रकरण प्रस्तुत नहीं किए गए तो प्रकरणों के निराकरण में देरी के लिये संबंधित विभाग के कार्यालय प्रमुख जवाबदेह होंगे।


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News